सलचर(आसाम), 29 दिसंबर: ( पीटीआई) बंगलादेश ने आज वाज़िह कर दिया है कि वो अपनी सरहदों से शुमाली मशरिक़ी अस्करीयत पसंदों को सरगर्म होने की इजाज़त हरगिज़ नहीं देगा । बंगला देश के डिप्टी हाई कमिशनर बराए हिंद आबिदा इस्लाम ने ये बात कही ।
गुज़शता शब पी टी आई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बंगलादेश हुकूमत इस मुआमला का संजीदगी से जायज़ा ले रही है और यही नहीं बल्कि उसकी रोक थाम के लिए इक़दामात भी किए हैं । उन्होंने कहा कि हिंदूस्तान बंगला देश का एक देरीना और बेहतरीन दोस्त है।
बंगलादेशी अवाम हिंदूस्तान के इस तआवुन को फ़रामोश नहीं कर सकते जब 1971 में बंगलादेश की आज़ादी की जंग में हिंदूस्तान ने दामे दिरमे सिक्ख ने अपना भरपूर तआवुन पेश किया था । इंडो बंगला फ्रेंडशिप की जानिब से एक इजलास का इनइक़ाद किया गया जिसमें आबिदा इस्लाम ने भी शिरकत की ।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि हिंद बंगलादेश के तिजारती ताल्लुक़ात को फ़रोग़ हासिल होने के बहुत ज़्यादा इमकानात और मोहका में ख़ुसूसी तौर पर शुमाल मशरिक़ी रियास्तों के साथ । उन्होंने कहा कि बंगलादेश और हिंदूस्तान ने अपनी वीज़ा पालिसीयों में इस्लाहात मुतआरिफ़ करने बाहमी रजामंदी का इज़हार किया है जबकि इस मुआमले को क़तईयत देने के लिए जनवरी 2013 में एक मुआहिदा पर दस्तख़त भी होंगे ।
उन्होंने कहा कि वज़ीर-ए-दाख़िला हिंद इसी सिलसिला में जनवरी 2013 में बंगला देश का दौरा करेंगे और वहां मुआहिदा पर दस्तख़त होंगे । आबिदा इस्लाम ने कहा कि सलचर में वो बंगलादेश इन्फ़ार्मेशन सेंटर के क़ियाम के लिए भी बेहद संजीदा हैं । यहां इस बात का तज़किरा ज़रूरी है कि जिस तरह हिंद-ओ-पाक के ताल्लुक़ात घड़ी में तौला और घड़ी में माशा की तरह बनते बिगड़ते रहते हैं वहीं हिंद बंगला देश ताल्लुक़ात हमेशा मुस्तहकम रहे जिसकी वजह दोनों ममालिक का बाहमी तआवुन है ।
बंगला देश की भी क्रिकेट टीम है लेकिन हिंद बंगला देश मैच्स इतने सनसनीखेज़ नहीं होते जितने हिंद पाक मैच्स होते हैं । सुशील कुमार शिंदे जबसे वज़ीर-ए-दाख़िला बने हैं उन्होंने कुछ अहम फ़ैसले करने में कलीदी रोल अदा किया है ।