हिंद- सऊदी अरब फ़राख़दिलाना वीज़ा पालिसी पर ग़ौर

नई दिल्ली ०५ जनवरी (पी टी आई) यूरोप में मआशी बोहरान और अमेरीका में ग़ैर यक़ीनी कैफ़ीयत के पेशे नज़र सऊदी अरब ने आज कहाकि वो हिंदूस्तान से अपनी तवक़्क़ुआत को वाबस्ता कररहा है।

हिंदूस्तान के साथ तिजारती मुआहिदों में इज़ाफ़ा केलिए वसीअ तर इक़दामात पर ग़ौर किया जा रहा है ताहम सऊदी अरब ने जहां 2 मिलीयन से ज़ाइद हिंदूस्तानी शहरी काम करते हैं, हकूमत-ए-हिन्द से कहा कि वो वीज़ा क़वाइद में नरमी लाए और बाहमी तिजारत को फ़रोग़ देते हुए सरमाया कारी में वुसअत पज़ीरी की राह हमवार करे। एफ़ आई सी सी आई के इजलास में सऊदी अरब के वज़ीर-ए-तजारत-ओ-सनअत तौफ़ीक़ बिन फ़ोज़ान अलरबीअईने कहाकि हम हिंदूस्तान के साथ ज़्यादा से ज़्यादा तिजारती ताल्लुक़ात के मुतमन्नी हैं।

दोनों मुल्कों में मौजूदा सतह पर अहम मुआमलात को रूबा अमल लाना है। दोनों ममालिक तेज़ी से उभरती हुई मईशतें हैं। तौफ़ीक़ बिन फ़ोज़ान जो सऊदी अरब के 35 रुकनी तिजारती वफ़द की क़ियादत कररहे हैं, कहाकि इनफ्रास्ट्रक्चर, इन्फ़ार्मेशन टैक्नोलोजी और तालीम जैसे शोबों में बाहमी ताल्लुक़ात को फ़रोग़ देने के लिए कई मवाक़े पाए जाते हैं।

मआशी बोहरान ने सारे यूरोप को अपनी लपेट में ले लिया है और अमरीकी मईशत ग़ैर यक़ीनी से दो-चार है इस लिए सऊदी ताजरीन अब हिंदूस्तान को अपनी मंज़िल बनाना चाहते हैं।

सऊदी ताजरीन के लिए हिंदूस्तान ही सरमाया कारी का बेहतरीन मुतबादिल है। यहां पर तिजारत-ओ-सनअत के मवाक़े हासिल होंगी। उन्हों ने हकूमत-ए-हिन्द पर ज़ोर दिया कि वो सऊदी अरब के अवाम के लिए अपने वीज़ा उसोलों को फ़राख़दिलाना बनाए। हम ने अपने रफ़क़ा से सुना है कि उन्हें सऊदी अरब में हिंदूस्तानी सिफ़ारत ख़ाना से सिर्फ वाहिद दाख़िला वीज़ा के साथ एक माह का वीज़ा मिलता है।

लिहाज़ा मैं समझता हूँ कि इस सिलसिला में हमें बहुत कुछ करना होगा। दोनों मुल्कों के दरमयान अवाम की नक़ल-ओ-हरकत को आसान बनाने के लिए इक़दामात करने होंगी। अलरबीअईने कहाकि दूसरी जानिब सऊदी अरब भी एक साल के लिए मल्टीपल ऐन्ट्री वीज़ा देगा। सऊदी अरब के दौरा कनुंदा वज़ीर ने मज़ीद कहाकि सऊदी अरब के मुख़्तलिफ़ शोबों में तक़रीबन दो मिलीयन हिंदूस्तानी काम कर रहे हैं।

साल 2010 में हिंद – सऊदी अरब के दरमयान तक़रीबन 7 फ़ीसद के इज़ाफ़ा के साथ 25 बिलीयन अमरीकी डालर की तिजारत हुई हैं।