हिंद ।पाक अरकान-ए-पार्लीमैंट की कान्फ़्रैंस का इख़तेताम(अंत‌)

हिंदूस्तान और पाकिस्तान के अरकान-ए-पार्लीमैंट ने दोनों मुल्कों के ताल्लुक़ात को मज़ीद बेहतर बनाने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए मुख़्तलिफ़ तजावीज़ पेश किए हैं, जो तिजारती समझौतों के अमल को तेज़ तर बनाने से लेकर वाखा। अटारी सरहद पर परेड को मज़ीद दोस्ताना बनाने के इक़दामात तक हैं।

इन अरकान पाइलीट ने ख़्याल ज़ाहिर किया है कि दोनों ममालिक के माबैन ताल्लुक़ात को बेहतर बनाने केलिए ये इंतिहाई साज़गार वक़्त है और उन्हों ने वीज़ा की इजराई के तरीका-ए-कार को बाजलत मुम्किना मज़ीद फ़राख़दिलाना बनाने के इलावा सियाचिन और सरक्रीक जैसे देरीना तनाज़आत की आजलाना यकसूई पर ज़ोर दिया है।

चौथे मरहले के हिंद-ओ-पाक अरकान-ए-पार्लीमैंट के मुज़ाकरात के इख़तेताम के मौखे पर कहा कि दोनों मुल्कों को चाहीए कि वो दो तरफ़ा ताल्लुक़ात को मज़ीद बेहतर बनाने केलिए बाहमी कोशिशों के साथ यकतरफ़ा इक़दामात पर भी ग़ौर करें।

अरकान-ए-पार्लीमैंट ने सिफ़ारिश की कि दोनों मुल्कों की हुकूमतों को चाहीए कि वो तवानाई से मुताल्लिक़ मसनूआत की तिजारत को क़तईयत अमल देने को मज़ीद स्रात अंगेज़ बनाईं।