वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह के दौरा के दौरान तारीख़ी मुआहिदा पर दस्तख़त,तीस्ता और फ़ेनी दरियाओं का आबी तनाज़ा बरक़रार
ढाका । 6 । सितंबर (पी टी आई) हिंदूस्तान और बंगला देश ने आज देरीना सरहदी मसला को हल करलिया है । अराज़ी की हदबंदी को अज़ सर-ए-नौ तर्जीह देने के लिए एक तारीख़ी मुआहिदा पर दस्तख़त किए गए। इस सिलसिला में 162 अराज़ी के नक़्शों का तबादला अमल में लाया गया लेकिन दोनों मुल्कों ने तीस्ता और फ़ेनी दरियाओं के आबी तक़सीम पर कोई मुआहिदा नहीं किया, ये तनाज़ा बरक़रार है। वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह के दौरा बंगला देश के दौरान पानी के तक़सीम के मसला पर कोई पेशरफ़त नहीं होसकी । ताहम मनमोहन सिंह जिन्हों ने अपनी बंगला देशी हम मंसब शेख़ हसीना से मुलाक़ात की, कहा कि दोनों ममालिक ने तीस्ता और फ़ेनी दरियाओं के पानी की तक़सीम के मसला पर काबिल-ए-क़बूल , मुंसिफ़ाना और दोस्ताना मुआहिदा करने केलिए मुज़ाकरात जारी रखने का फ़ैसला किया है। ढाका में लम्हा आख़िर में तीस्ता आबी तक़सीम मुआहिदा को रोक देने पर बज़ाहिर मायूस दिखाई देने वाले मनमोहन सिंह ने बंगला देश के साथ बड़ी तिजारती मुआमलत का ऐलान किया और डयूटी फ़्री तिजारत के लिए बंगला देश हिंदूस्तानी मार्किट को 61 अशीया सरबराह करने की इजाज़त दी गई। 61 अशीया में 46 अशीया पारचा सनअत के हैं। इस ताल्लुक़ से बंगला देश ने हिंदूस्तानी मार्किट तक रसाई की दरख़ास्त की थी। दरयाए तीस्ता पर उबूरी मुआहिदा करने में नाकामी के ताल्लुक़ से बंगला देश की हसासीयत को महसूस करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि हमारे मुशतर्का दरियाओं को मुनक़सिम करने का कोई इरादा नहीं है लेकिन इस मसला को दोनों मुल्कों की ख़ुशहाली की राह में रुकावट बनने नहीं देना चाहीए । आबी मुआहिदा के ताल्लुक़ से चीफ़ मिनिस्टर मग़रिबी बंगाल ममता बनर्जी ने शदीद एतराज़ किया था।
हिंद । बंगला देश दरयाए तीस्ता आबी मुआहिदा का इमकान नहीं
ममता बनर्जी के वज़ीर-ए-आज़म केसाथ दौरा करने से इनकार के असरात , मग़रिबी बंगाल और बंगला देश केलिए काबिल-ए-क़बूल मुसव्वदा की तैय्यारी
अर इंडिया वन से। 6 सितंबर (पी टी आई) हिंदूस्तान और बंगला देश दरयाए तीस्ता के पानी में शराकतदारी के मुआहिदा पर वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह के दौरा-ए-बंगला देश के मौक़ा पर दस्तख़त नहीं करेंगे, क्योंकि चीफ़ मिनिस्टर मग़रिबी बंगाल ममता बनर्जी ने इस मुआहिदा के बारे में सख़्त ज़हनी तहफ़्फुज़ात ज़ाहिर किए हैं। आला सतही ज़राए के बमूजब वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह के हमराह ढाका का सफ़र करने वाले सहाफ़ीयों के बमूजब दरयाए तीस्ता आबी मुआहिदा पर मौजूदा दौरा के मौक़ा पर दस्तख़त नहीं किए जाऐंगे, जब तक कि हर शख़्स के लिए काबिल-ए-क़बूल मुआहिदा तए ना पा जाय, इस पर दस्तख़त करने का कोई मतलब नहीं है। ज़राए ने कहा कि मुआहिदा बराए मुआहिदा बेमानी होगा और मर्कज़ी हुकूमत को हुकूमत मग़रिबी बंगाल को भी इस मुआहिदा में भरपूर तरीक़ा से शामिल करना होगा। हुकूमत बंगला देश के साथ भी तफ़सीली बातचीत के ज़रीया मुआहिदा का ताय्युन करना होगा। ज़राए के बमूजब इस लिए कि मज़ीद मोहलत दरकार है। हुकूमत मग़रिबी बंगाल और हुकूमत बंगला देश दोनों केलिए काबिल-ए-क़बूल मुआहिदा तए करने के लिए वक़्त लगेगा। इन इत्तिलाआत के बारे में सवाल पर कि ममता बनर्जी ने बंगला देश को33,000 कीवज़कस पानी फ़राहम करने पर एतराज़ किया है, जैसा कि उबूरी मुआहिदा बराए तीस्ता आबी शराकतदारी मुआहिदा के क़तई मुसव्वदा में तहरीर किया गया था। इबतिदाई मुसव्वदा के बमूजब बंगला देश केलिए 25,000 कीवज़कस पानी मुख़तस किया गया था। ज़राए ने वाज़िह करदिया कि किसी भी मुसव्वदा में पानी की किसी मिक़दार का तज़किरा नहीं है। ममता बनर्जी ने वज़ीर-ए-आज़म के हमराह बंगला देश का दौरा करने से इनकार करदिया और कहा कि दरयाए तीस्ता के पानी में शिरकतदारी के मुआहिदा पर उलझन का शिकार हैं। इन के इस इनकार से वज़ीर-ए-आज़म केलिए उलझन पैदा होगई थी। ज़राए ने कहा कि किसी मुआहिदा के तए पा जाने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता, क्योंकि हिंदूस्तान और बंगला देश ने दरयाए तीस्ता में पानी की दस्तयाबी के सिलसिले में कोई मुशतर्का पैमाइश के इक़दामात नहीं किए हैं, जबकि हिंदूस्तान और बंगला देश दोनों पानी की दस्तयाबी के बारे में अलैहदा अलैहदा आदाद-ओ-शुमार पेश कररहे हैं, कोई मुशतर्का सर्वे नहीं किया गया ताकि पानी की शराकतदारी की मिक़दार का खासतौर पर अक्तूबरता अप्रैल के ख़ुशक मौसम के दौरान, ताय्युन किया जा सके। उबूरी मुआहिदा के बारे में मुशतर्का सर्वे किया जाएगा और आबगीर इलाक़ों में पानी की दस्तयाबी की बुनियाद का क़तई तौर पर ताय्युन किया जाएगा। इस के इलावा दरिया के ढलवान की सिम्त बहाओ के बारे में मुस्तक़िल मुआहिदा किया जाएगा, जिस केलिए इंतिहाई एहतियात और महारत केसाथ दरयाए तीस्ता पानी का जायज़ा लेना होगा।