डरबन, 28 मार्च: हिन्दुस्तान ने आज कहा कि वो ब्रिक्स तंज़ीम में दूसरों की मुख़ालिफ़त के लिए शामिल नहीं हुआ बल्कि रुकन मुमालिक के दरमियान क़रीबी तआवुन क़ायम करने, आलमी मईशत में तवाज़ुन पैदा करने और सयासी इक़तिदार की मुसावियाना तक़सीम के मक़सद से इस में शामिल हुआ है।
ब्रिक्स चोटी कान्फ़्रेंस के मौक़े पर मर्कज़ी वज़ीरे तिजारत-ओ-सनअत आनंद शर्मा ने आलैहदा तौर पर ख़िताब करते हुए कहा कि ब्रिक्स चोटी कान्फ़्रेंस इस एतबार से इंतिहाई अहम है कि ये मुस्तक़िल मआशी अदम इस्तिहकाम के पसे मंज़र में क़ायम की गई है। रोज़नामा नीवाएज से बातचीत करते हुए आनंद शर्मा ने कहा कि हिन्दुस्तान इस बात का जायज़ा लेगा कि ब्रिक्स मुमालिक मुशतर्का जद्द-ओ-जहद के ज़रिये मआशी सरगर्मी में किस हद तक इज़ाफ़ा कर सकते हैं।