नई दिल्ली: हिन्दुस्तान में कारोबार को आसान और सहल बनाने की कोशिशों के सिलसिले में हुकूमत ने नए सनाती क़ानून से मुताल्लिक़ मसाइल की यकसूई और ज़रूरी तबदीली केलिए तजावीज़ हासिल करने केलिए 8 रुकनी कमेटी तशकील दी है। विज़ारत-ए-कार्पोरेट उमूर ने पहले ही से कंपनीज़ ऐक्ट 2013 में तबदीलीयां लाई हैं जिस के बेशतर दफ़आत का नफ़ाज़ एक अप्रेल 2014 से अमल में आया है गोका सनतकारों ने इस ख़ुसूस में तशवीश का इज़हार किया है।
सैक्रेटरी कॉरपोरेट उमूर मिस्टर अंजल छुप दगल की ज़ेरे क़ियादत कंपनीज़ ला कमेटी अंदरून 6 माह अपनी सिफ़ारिशात पेश कर देगी। विज़ारत के जारिए करदा अहकामात के मुताबिक़ 8 रुकनी कमेटी में अदलिया और सनत को भी अलाहदगी दी गई है जबकि कमेटी के दायराकार में कंपनीज़ ऐक्ट 2013 पर अमलावरी में दरपेश मसाइल की यकसूई केलिए हुकूमत को सिफ़ारिशात पेश करना है और अज़कार रफ़ता क़ानून इस्लाहात कमेटी सी एस अरे मुताल्लिक़ा कमेटी ला कमीशन और दीगर इदारों से मौसूला सिफ़ारिशात का जायज़ा लेना है। गुज़िशता माह हुकूमत ने कहा कि कंपनीज़ ऐक्ट 2013 को असरी तक़ाज़ों से हम आहंग करने केलिए एक कमेटी क़ायम की जाएगी और हाल ही में हुकूमत ने इस क़ानून में बाज़ तरामीम पेश की है।