साबिक़ नायब वजीरे आला सुशील मोदी ने कहा कि भाजपा के साथ हुकूमत चलानेवाले हमें गांधी का क़ातिल कहते हैं। जब नीतीश कुमार को सीएम बनना था, तब हम ठीक थे। रेल वज़ीर और सीएम बनने के वक्त उन्हें यह एहसास नहीं था। हम उन्हें चैलेंज देते हैं कि अगर उनमें हिम्मत है, तो अभी एसेम्बली तहलील करा कर इंतिख़ाब करा लें।
पीर को एसके मेमोरियल हॉल में मुनक्कीद कैलाशपति मिश्र के पैदाइश तारीख पर तकरीब को खिताब करते हुए मोदी ने कहा कि वह 1980 में आरएसएस से गाइड होनेवाले पार्टी के नाम पर अलग हो गये थे। फिर साथ हुए। उन्होंने कहा कि दरअसल महाराष्ट्र और हरियाणा के इंतिख़ाब के बाद वह डर गये हैं। अब वह इंतिख़ाब में देर से नरेंद्र मोदी की मकबूलियत की कमी आने की उम्मीद में बैठे हैं। नरेंद्र मोदी कम-से-कम दस साल पीएम रहेंगे। उनकी ताकत कम नहीं होनेवाली है। रियासती हुकूमत पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि गुजिशता 18 माह में तरक़्क़ी के लिए कोई ऐलान नहीं की है। मोदी ने कहा कि मुखालिफ कितने भी इत्तिहाद हो जायें, हमें वे रोक नहीं सकते हैं।
आज भाजपा में सैकड़ों कैलाशपति मिश्र हैं। उन्होंने कारकुनान से कैलाशपति मिश्र से जुड़े फोटो , यादगार व वीडियो दस्तयाब कराने की दरख्वास्त किया, जिसे अगले साल इसी मौके पर यादगार किताब के तौर में आशाअत किया जायेगा। मरकज़ी कानून,कम्युनिकेशन व आइटी वज़ीर रविशंकर प्रसाद ने कैलाशपति मिश्र को याद करते हुए कहा कि वह कहा करते थे कि तंजीम कारकुनान की ताक़त पर आगे बढ़ता है। मरकज़ी वज़ीर धर्मेद्र प्रधान ने कहा कि बिहार में भाजपा की हुकूमत बना कर कैलाशपति मिश्र को खिराजे अक़ीदत देना होगा। कैलाशपति मिश्र की मेहनत की वजह से ही मुल्क के मगरीबी इलाक़े में आज भाजपा मजबूत बनी है। लीडर ओपोजीशन नंद किशोर यादव ने कहा कि कैलाशपति मिश्र की आर्ट कारकुनान को ताकत देती थी।
एमपी रामकृपाल यादव ने कहा कि कैलाशपति मिश्र जितना अपने पार्टी के कारकुनान को प्यार करते थे उतना ही दूसरे पार्टी के कारकुनान को भी। मंगल पांडेय ने कहा कि मरहूम मिश्र की दस हजार तसवीर जिलों में भेजी गयी हैं। चार से नौ नवंबर के दरमियान में उनकी याद में यादगार दिवस का इंकाद किया जा रहा है। तकरीब को विधान परिषद मेम्बर रजनीश कुमार और कैलाशपति मिश्र की बहू व एमएलए दिलमनी देवी ने भी खिताब किया। इसके पहले महरूम मिश्र की ज़िंदगी पर एक विडियो को दिखाया गया।