अमेरिकी वज़ीर ए खारजा हिलेरी क्लिंटन को इजराइल और फलस्तीन के बीच चल रही जंग में दखल देना महंगा पड़ गया। इजराइल से जुड़े एक ग्रुप ने उन पर अमेरिकी मदद की रक़म का इस्तेमाल हमास की मदद के लिए करने का इल्ज़ाम लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है।
हिलेरी क्लिंटन और विज़ारत ए खारजा के खिलाफ फिलिस्तीन अथारिटी के लिए तय अमेरिकी मदद रकम का इस्तेमाल हमास जैसे दहशतगर्द तंजीमो को करने की इजाजत देने के इल्ज़ाम में मुकदमा दायर किया गया है।
विज़ारत ए खारजा की वेबसाइट के मुताबिक, यह मुकदमा 24 अमेरिकी शहरियों की ओर से मंगल के दिन वॉशिंगटन में तेल अवीव (Tel Aviv) स्थित कानूनी समूह इसराइल लॉ सेंटर ने दायर किया है। ये 24 अमेरिकी शहरी इज़राइल में रह रहे हैं।
मुकदमा दायर करने वाला कानूनी ग्रुप इजराइल लॉ सेंटर दहशतगर्द तंजीमों और उनकी ताईद करने वालों के खिलाफ आवाज उठाता है।
दरखास्त में इल्ज़ाम लगाया गया है कि फलस्तीनी अथारिटी को बिना किसी कंट्रोल के रकम मुहैया कराया गया और वफाक़ी ढांचे ने इसकी अनदेखी की।
दरखास्त में यह भी इल्ज़ाम लगाया गया है कि इसके नतीजे के तौर पर अमेरिकी टैक्स दहिंन्दगान (करदाता) की रक़म हमास और पापुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ फलस्तीन जैसे दहशतगर्द ग्रुप और उन ग्रुपो को गई जिन्हें वफाक़ी मदद दिए जाने पर पाबंदी है।
इस दरखास्त में हिलेरी, यूएसएआईडी और विज़ारत ए खारजा को मुद्दई बनाया गया है और मांग की गई है कि फलस्तीनी अथारिटी, यूएनआरडब्ल्यूए और दूसरे ग्रुपों को तब तक मदद रोक दी जानी चाहिए जब तक दहशतगर्दी के लिए ताईद पर इम्तिना के वफाक़ी हुक्म का पूरी तरह अमल नहीं करते।