नई दिल्ली: मुल्क की मुस्लिम तंज़ीम जमात-ए-इस्लामी हिंद ने हुकूमत से इस्लामिक बैंकिंग शुरू करने के लिए कदम उठाने की मांग करते हुए आज कहा कि इससे मुल्क की मआशियत को मजबूती मिलेगी.
जमात के चीफ सैयद जलालुद्दीन उमरी ने आज यहां नामानिगारों से कहा कि, ‘‘मुल्क में इक्तेसादी इंसाफ यकीनी करने के लिए सूद से आज़ाद मआशियत को बढ़ावा देने की जरूरत है. इस्लामिक बैंकिंग को लेकर हम ‘इंडियन सेंटर फॉर इस्लामिक फाइनेंस’ (आईसीआईएफ) और कुछ दूसरे इदारो के साथ मिलकर लंबे दिनो से कोशिश कर रहे हैं.’’
उन्होंने कहा कि, ‘‘भारतीय रिजर्व बैंक, हुकूमत और गैर सरकारी Economists के बीच तवील चर्चा के बाद इस्लामिक बैंकिंग की सिम्त में एक अमली रास्ता उस वक्त दिखा था जब भारतीय स्टेट बैंक ने शरिया म्यूच्यूअल फंड योजना शुरू करने का रस्मी तौर पर ऐला किया था . लेकिन इस मौजू पर अभी तक कुछ नहीं हुआ.’’
उमरी ने कहा, ‘‘ऐसे मंसूबे मुल्क की इक्तेसादी के लिए फायदेमंद हो सकती है. जमात की अपील है कि वज़ारत ए खज़ाना इस्लामिक बैंकिंग के सिस्टम पर गौर करे और इसे लागू करने के लिए कदम उठाए. इस सिम्त में हम हुकूमत की पूरी मदद करेंगे.’’