हुकूमत कर्नाटक ग़ुंडों को पुलिस तहफ़्फ़ुज़ देना बंद करे : बाल ठाकरॆ

मुंबई, ०१ दिसम्बर(पी टी आई) कनड़ा ज़बान के मुसन्निफ़ चंद्रा शेखर कमभारा ने मराठी ज़बान के ख़िलाफ़ कुछ तौहीन आमेज़ रिमार्कस किए थे जिस पर बाल ठाकरे ने जवाबी कार्रवाई करते हुए चंद्रा शेखर कमभारा को तन्क़ीद का निशाना बनाया था जिस पर रियासत कर्नाटक में काफ़ी कशीदगी भी पैदा हुई थी लेकिन इन तमाम बातों से क़दरे बे परवाह शिवसेना सरबराह ने एक बार फिर इंतिबाह दिया कि अगर महाराष्ट्रा में मुसन्निफ़ के ब्यान से जवाबी कार्रवाई की सूरत में कुछ भी होसकता है ।

अपने तर्जुमान अहबार सामना के ईदारीए में उन्हों ने तहरीर किया है कि कर्नाटक में जो हुक्मरानी कर रहे हैं। उन्हें उस की जांच पड़ताल करनी चाहीए कि इन के गुंडे मराठी मुख़ालिफ़ सरगर्मीयों में किस हद तक मुबतला हैं । यहां अगर चिंगारी भड़क उठी तो वो शोला बन जाएगी ।

अपनी बात जारी रखते हुए मिस्टर ठाकरे ने कहा कि मराठी या मराठी मातोस पर हमला करने वाले ग़ुंडों को पुलिस से तहफ़्फ़ुज़ फ़राहम करना कर्नाटक हुकूमत फ़ौरी तौर पर बंद कर दॆ। अब तक हम ने इंतिहाई सब्र-ओ-तहम्मुल का मुज़ाहरा किया है लेकिन इस का मतलब ये नहीं कि अगर हम सब्र कर रहे हैं तो नामर्द हैं। उन्हों ने कहा कि सिर्फ एक चिंगारी की ज़रूरत है और इस के बाद देखिए क्या होता है ।

कर्नाटक के गुंडे शायद ये बात नहीं समझ रहे हैं। याद रहे कि हाल ही में बाल ठाकरे ने मश्वरा दिया था कि ज्ञान पीठ कमेटी मिस्टर कमभारा से अपना ऐवार्ड वापिस ले लॆ। यहां इस बात का तज़किरा दिलचस्पी से ख़ाली ना होगा कि कमभारा ने कर्नाटक के सरहदी इलाक़ों में रिहायश पदीर मराठी अफ़राद के मुताल्लिक़ रिमार्कस करते हुए कहा था कि वो (मराठी लोग) अफ़रातफ़री और गड़बड़ पैदा करनेके लिए ही पैदा होते हैं।

उन्हों ने ये भी कहा था कि अगर इन इलाक़ों में रहने वाले मराठी अफ़राद मराठी मीडियम स्कूलस में तालीम हासिल करने के ख़ाहां हैं तो वो फ़ौरी तौर पर महाराष्ट्रा मुंतक़िल हो जाएं।