समाजवादी पार्टी सरबराह मुलायम सिंह यादव ने कहा कि वो अखिलेश यादव की क़ाइदाना ( नेतृत्व) सलाहीयतों से हनूज़ ( अभी ) पूरी तरह मुतमईन नहीं हैं लेकिन उन्हें यक़ीन है कि वक़्त गुज़रने के साथ अखिलेश तजुर्बाकार हो जाएंगे और अपने फ़ैसले इस तरह करेंगे जैसा कि कोई तजुर्बाकार क़ाइद ( लीडर) करता है ।
जब उन से ये पूछा गया कि तालीम-ए-याफ़ता बेरोज़गारों को भत्ता के नाम पर जो रक़म दी जा रही है क्या इस का सिलसिला ऐसा दराज़ ( लंबा समय) कब तक बरक़रार रहेगा तो इसका मुसबत जवाब देते हुए मुलायम सिंह ने कहा कि हुकूमत की पालिसीयां अगर नेक नीयती से वज़ा की जाएं तो अवामी मुफ़ाद का कोई भी प्रोग्राम देरपा और पायदार साबित होगा ।
उन्हों ने इस सिलसिला में क़ौमी देही ( राष्ट्रीय ग्राम) रोज़गार ग्यारंटी स्कीम की मिसाल दी और कहा कि प्रोग्राम के इतलाक़ में इस से मुताल्लिक़ा आफ़िसरान दयानतदार और मेहनत कश होने चाहीए । मर्कज़ी हुकूमत या रियास्ती हुकूमत की जानिब से अवामी फ़लाह-ओ-बहबूद का जो भी प्रोग्राम शुरू किया जाता है वो नेक नीयती से ही शुरू किया जाता है लेकिन दरमयानी अफ़राद अपना उल्लू सीधा करने के लिए प्रोग्राम को Hijack कर लेते हैं और अवाम तक इस का फ़ायदा नहीं पहुंचता।