हुसनी मुबारक को फांसी दी जाए: इस्तिग़ासा

क़ाहिरा । 7 जनवरी । (एजैंसीज़) मिस्र में इस्तिग़ासा ने अदालत से मुतालिबा किया है कि साबिक़ सदर हुसनी मुबारक को मुज़ाहिरीन को हलाक करने के अहकामात जारी करने के जुर्म में फांसी की सज़ा सुनाई जाय। इस्तिग़ासा की जानिब से साबिक़ सदर को फांसी देने के मुतालिबे ने मुबस्सिरीन को हैरान कर दिया है।

क़ाहिरा में बीबी सी के नामा निगार के मुताबिक़ ये पहला मौक़ा है कि इस्तिग़ासा ने इतने वाज़िह अंदाज़ में साबिक़ सदर केलिए फांसी का मुतालिबा किया है।गुज़श्ता साल फ़ररवी में इक़तिदार से माज़ूली के बाद हुसनी मुबारक ने ज़्यादा तर वक़त हस्पताल में गुज़ारा है , जहां से उन्हें अदालत में लाया जाता है।

साबिक़ सदर को असटरीचर की मदद से क़ाहिरा की अदालत में पेश किया गया। इस कार्रवाई को सरकारी टी वी ने नशर किया। हसनी मुबारक पर बदउनवानी का इल्ज़ाम भी है। इन पर ये भी इल्ज़ाम है कि उन्हों ने अपने ख़िलाफ़ होने वाले एहतिजाज के दौरान मुज़ाहिरीन को हलाक करने के अहकामात जारी किए थे। साबिक़ सदर के दो बेटे इला-ए-और जमाल, साबिक़ वज़ीर-ए-दाख़िला और छः सीनीयर अहलकार भी कटहरे में मौजूद थे।

तमाम मुल्ज़िमान ने अपने ख़िलाफ़ आइद इल्ज़ामात की तरदीद की । सितंबर में बंद कमरा की समाअत में बरसर-ए-इक़तिदार फ़ौजी कौंसल के सरबराह और साबिक़ वज़ीर-ए-दिफ़ा फ़ील्ड मार्शल मुहम्मद हुसैन तनतावी ने कहा था कि मुबारक ने कभी मुज़ाहिरीन को गोली मारने का हुक्म नहीं दिया।