दुनियाभर में परेशानी का सबब बन चुके जीका वायरस की दवा बन गई है और यह कारनामा पश्चिम के किसी देश में नहीं, बल्कि भारत में कर दिखाया गया है। हैदराबाद की एक लैब के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने इस वायरस के खिलाफ दुनिया की पहली वैक्सीन बना ली है। उनका यह भी दावा है कि उनके पास एक ही नहीं बल्कि दो वैक्सीन है।
हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक इंटरनैशनल लिमिटेड का कहना है कि उसने इस दवा को अपने नाम से पेटेंट भी करा लिया है। इस लैब के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉक्टर कृष्णा इला ने कहा, ‘जीका वायरस की वैक्सीन बनाने के मामले में हमारी कंपनी दुनिया की एकमात्र कंपनी है। करीब 9 महीने पहले ही हमने इसे पेटेंट कराने पर काम शुरू कर दिया था।’
इस लैब ने आधिकारिक तौर पर जीका वायरस को इंपोर्ट किया और फिर वैक्सीन पर काम करना शुरू किया। हालांकि, इस वैक्सीन का जानवरों और मनुष्यों पर क्या असर होगा, इसका ट्रायल करने में अभी काफी वक्त लग सकता है। डॉक्टर इला का कहना है कि उन्होंने इस बारे में सरकार से सहायता मांगी है और इंडियन काउंसल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने सहायता के लिए कदम आगे बढ़ाया है।
डॉक्टर इला का कहना है कि बिल्कुल सही परिस्थितियों में कंपनी चार महीने के भीतर इस वैक्सीन के 10 लाख डोज बना सकती है। इला ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रत्यक्ष हस्तक्षेप की मांग की है ताकि इस वैक्सीन को बनाने और उसकी डिलिवरी के काम में तेजी लाई जा सके। डॉक्टर इला ने यह भी कहा कि इस वैक्सीन से ब्राजील और दूसरे देशों की भी मदद की जा सकती है।
आईसीएमआर से जुड़ी सौम्या स्वामीनाथन ने कहा, ‘भारत बायोटेक की जीका वैक्सीन के बारे में हमें हाल में ही पता चला है। हम वैज्ञानिक आधार पर इसकी जांच करेंगे और आगे इसका किस तरह इस्तेमाल किया जाए, यह देखेंगे। यह मेक इन इंडिया प्रॉडक्ट का एक बेहतर नमूना है।’
Source:NBT
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