हैदराबाद 26 फरवरी: आंध्र प्रदेश पोलीस के आला ज़राए ने आज इन्किशाफ़ किया कि रियासती पुलीस , दिलसुखनगर में जुमेरात को हुए जुड़वां धमाकों के मुक़ाम पर ज़बत शूदा कलीदी सी सी टी वी कैमरा फुटेज के ज़रीये मुश्तबा बम बरारों की तस्वीर का पता चलाने और तफ़सीली तजज़िया की कोशिशों में अमरीकी जासूस-ओ-तहक़ीक़ाती इदारा फेडरल ब्यूरो आफ़ इन्वेस्टीगेशन (एफ बी आई) से मदद लेने पर ग़ौर कररही है।
ज़राए ने मज़ीद कहा कि धमाकों के मुक़ाम के करीब दस्तयाब होने वाले कैमरा फुटेज से ताहाल ना सिर्फ़ काबील-ए-एतिबार सुराग़ दस्तयाब हुए हैं बल्के एसे तीन अफ़राद की शबिया भी पाई गई है जो मुश्तबा सैक़ल के अतराफ़ घूमते देखे गए हैं।
जिन के बारे में शुबा किया जा रहा है कि ग़ालिबन उन्हों ने ही धमाका ख़ेज़ मवाद से लदी साएकल को वहां खड़ा किया था ताहम उन की तसावीर ख़ातिरख़वाह हद तक साफ़ नहीं है ।
दिलसुखनगर में 21 फ़बरोरी को हुए जुड़वां धमाकों में 16 अफ़राद हलाक और 117 ज़ख़मी होगए थे । पुलिस के एक आला ओहदेदार ने कहा कि फुटेज को शहर में वाक़्ये एक फ़िल्मी लेबारेटरी से रुजू करदिया गया है ताहम सुराग़ लगाने में हनूज़ कोई अहम पेशरफ़्त नहीं हुई है क्यों के तस्वीर को बेहतर नहीं बनाया जा सका , चुनांचे इस फुटेज को असरी टैक्नालोजी से लैस अमरीकी तहक़ीक़ाती इदारा एफ बी आई से रुजू किया जाएगा । इस फुटेज को मज़ीद तजज़िया के लिए मुंबई पुलिस के ख़ुसूसी शोबा के पास भेजा जा रहा है ।
दिलसुखनगर और अतराफ़ के इलाके में वाक़्ये सेलफोन टावर्स से जमा शूदा तमाम मवाद हासिल किया जा रहा है और पुलिस ने इस मवाद के तजज़िया का अमल शुरू करदिया है ।
बाख़बर ज़राए ने कहा है कि तहकीकात कुनुन्दगान इस नज़रिया के हामी हैं कि रीमोट कंट्रोल से नहीं बल्के टाइमर आला के ज़रीये धमाके किए गए। उन्हों ने कहा कि रीमोट कंट्रोल का इस्तेमाल करना इस लिए भी मुश्किल था कि पहले धमाके से लहरों का तसलसुल दिरहम ब्रहम होसकता था जिस के बाद दूसरा धमाका करना अमलन मुम्किन नहीं होसकता था ।
चुनांचे ये ख़्याल ज़ाहिर किया गया है कि टाइमर आला के ज़रीये ये धमाके किए गए हैं। इस दौरान पुलिस ने तहकीकात में शिद्दत पैदा करते हुए आज दिलसुखनगर और अतराफ़ के इलाक़ों में वाक़्ये चंद होटलों और लाजों के रजिस्टरों का तफ़सीली जायज़ा लिया और वहां क़ियाम करने वाले अफ़राद के नामों और पाता की तौसीक़ की कोशिश की गई । हैदराबाद और साइबराबाद पुलिस अगरचे 15 टेम्स तशकील दे चुकी है और क़ौमी तहक़ीक़ाती इदारा ( एन आई ए ) की मदद ली जा रही है इस के बावजूद पुलिस को हनूज़ कोई अहम सुराग़ दस्तयाब नहीं होसका है ।
इस दौरान महाराष्ट्रा में मुनज़्ज़म जराइम पर कंट्रोल के क़ानून (मकोका) की एक अदालत ने मुंबई में आज महाराष्ट्रा के इन्सिदाद-ए-दहशत गर्दी इसकोएड ( ए टी एस ) को हैदराबाद में पिछले हफ़्ते हुए जुड़वां धमाकों के ज़िमन में दो मुल्ज़िमों से पूछगिछ करने की इजाज़त दीदी है ।
फीरोज़ सयद और इर्फ़ान लँगड़े उन 8 गिरफ़्तार शुदगान में शामिल हैं जिन्हें पिछले साल पौने की जंगली महाराज रोड पर हुए धमाकों के सिलसिले में हिरासत में लिया गया था। ए टी एस के एक ओहदेदार ने कहा कि फीरोज़ और इर्फ़ान से हैदराबाद धमाकों के बारे में पूछगिछ के लिए अदालत से इजाज़त की दरख़ास्त की गई थी और अदालत ने हमारी दरख़ास्त को मंज़ूर करलिया है।