हैदराबाद ब्लास्ट मामले में 40 लोगों से पूछताछ

हैदराबाद, 26 फरवरी: के हैदराबाद में हुए दो बम धमाकों की साजिश के सुराग ढूंढने में जुटी पुलिस और मरकज़ी जांच एजेंसियों ने पीर के दिन करीब 40 लोगों से पूछताछ की।

सरकारी ज़राए की मानें तो आंध्र प्रदेश पुलिस, कौमी जांच एजेंसी और दीगर मरकज़ी सेक्युरिटी एजेंसियों ने 30-40 लोगों से पूछताछ की। जुमेरात को हुए बम धमाकों में 16 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज्यादा लोग ज़ख्मी हो गए थे।

ज़राए ने बताया कि दिलसुखनगर में हुए बम धमाकों से ठीक पहले मुकामी लॉज से पांच लोगों ने चेकआउट किया था। इन पांच लोगों में से दो लोग बेगुनाह साबित हुए। हालांकि इनमें से एक शख्स ने फर्जी नाम से होटल का कमरा बुक कराया था, जिससे उस पर शक गहरा गया।

लेकिन उसने पुलिस को बताया कि वह अपनी दोस्त के साथ होटल में आया था और अपनी शनाख्त छिपाना चाहता था। जांच के बाद पुलिस ने पाया कि वह सही बोल रहा है, इसलिए उसे और उसकी दोस्त को छोड़ दिया गया। हालांकि तीन शख्सों के बारे अभी कुछ पता नहीं चल सका है।

इस बीच मरकज़ी होम मिनिस्टर आरपीएन सिंह ने बताया कि जाय वाकिया से इकठ्ठा किए गए सभी सुबूतों को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है और नोडल एजेंसियां इन्हें देख रही हैं। इसके अलावा पुलिस ने दिलसुखनगर में लगे मोबाइल फोन टावरों के जरिए कॉल डाटा ट्रांसमिशन को इकठ्ठा करना शुरू कर दिया है।

ज़ाय वाकिया से मिले सीसीटीवी फुटेज को ज्यादा वाजेह करने के लिए उसे मुंबई की एडवांस फिल्म प्रोसेसिंग लैब में भेजा जा सकता है। सीसीटीवी में तीन लोग मुश्तबा तौर से साइकिल स्टैंड के पास घूमते दिख रहे हैं। लेकिन लैब में भेजे जाने के बाद भी उसकी क्वालिटी में कोई सुधार नहीं है, जिससे हालात पूरी तरह साफ नहीं हो पा रही है।

जांच में यह बात भी सामने आ रही है कि दिलसुखनगर में दोनों ब्लास्ट में रिमोट कंट्रोल का इस्तेमाल नहीं किया गया है बल्कि इसके लिए टाइम बम का उपयोग किया गया है। ज़राए ने बताया कि पहले ब्लास्ट के बाद पूरे इलाके में वेवस और फ्रिक्वेंसी मुतास्सिर हो गई थी।

ऐसे में रिमोट के जरिए दूसरा ब्लास्ट करना मुश्किल हो जाता। इसलिए बम को टाइमर के जरिए उड़ाया गया था।