हैदराबाद में अमन-ओ-क़ानून की सूरत-ए-हाल पर गवर्नर को ख़ुसूसी इख़्तियारात

दोनों रियासतों तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के आइन्दा 10 साल तक मुशतर्का दारुल हुकूमत रहने वाले अज़ीम तर हैदराबाद में अमन-ओ-क़ानून की सूरत-ए-हाल पर कंट्रोल और इस शहर में आबाद दोनों रियासतों के अवाम के जान-ओ-माल की हिफ़ाज़त-ओ-सलामती से मुताल्लिक़ गवर्नर ई एस एल नरसिम्हन को हासिल इख़्तयारात में कमी के लिए हुकूमत तेलंगाना की कोशिशों को आज ज़बरदस्त धक्का लगा जब मर्कज़ी वज़ारत उमूर दाख़िला ने हुकूमत तेलंगाना की तरफ से हाल ही में की गई एक नुमाइंदगी को क़बूल करने से इनकार कर दिया और रियासती हुकूमत को आंध्र प्रदेश तंज़ीम जदीद क़ानून 2014 में इस ज़िमन में सर अहित करदा तमाम दफ़आत और क़वाइद की पाबंदी करने की हिदायत की।

जनरल सेक्रेटरी हुकूमते हिन्द एस सुरेश कुमार की तरफ से हुकूमत तेलंगाना के रियासती चीफ़ सेक्रेटरी डॉ राजीव शर्मा के नाम मकतूब में , जिस की नक़ल गवर्नर के ए सी एस और प्रिंसिपल सेक्रेटरी एन रमेश कुमार को भी भेजी गई है।

वाज़िह तौर पर कहा गया हैके हिंदुस्तानी दस्तूरी दफ़आत को मल्हूज़ रखते हुए ये फ़ैसला किया गया है और तंज़ीम जदीद क़ानून की दफ़ा 5 में कहा गया हैके दोनों रियासतें हैदराबाद ( जी एच्च एम सी) को आइन्दा 10 साल तक अपने मुशतर्का दारुल हुकूमत के तौर पर इस्तेमाल करें और इस क़ानून की दफ़ा 8 में मुशतर्का दारुल हुकूमत में अमन-ओ-क़ानून, अवाम की हिफ़ाज़त-ओ-सलामती अहम तंसीबात के तहफ़्फ़ुज़ के अलावा मुशतर्का दारुल हुकूमत में तमाम सरकारी इमारतों के इंतेज़ाम-ओ-अलाटमेंट से मुताल्लिक़ तमाम मसाइल से निमटने के लिए गवर्नर को ख़ुसूसी ज़िम्मेदारी दी गई है।