हैदराबाद 14 जुलाई: दोनों शहरों में महिकमा बलदिया-ओ-सेहत को फ़ौरी चौकन्ना होते हुए सेहत आम्मा की हिफ़ाज़त के लिए इक़दामात का आग़ाज़ करना चाहीए। शहर में हैज़ा से मुतास्सिर मज़ीद तीन मरीज़ों की शिनाख़्त के बाद अवाम में शदीद ख़ौफ़-ओ-दहश्त का आलम पाया जाने लगा है। दोनों शहरों में हालिया अरसा के दौरान दस्त-ओ-किए की शिकायात के साथ दवाख़ानों से रुजू होने वालों की तादाद में आए दिन इज़ाफ़ा होता जा रहा है और इस सिलसिले में हिफ़्ज़ान-ए-सेहत फिर अदम तवज्जही हालात को मज़ीद अबतर करने का सबब बन सकती है उसी लिए महकमा-ए-सेहत की तरफ से सेहत आम्मा के तहफ़्फ़ुज़ के लिए कम अज़ कम शऊर बेदारी मुहिम का आग़ाज़ किया जाना चाहीए ताकि शहरीयों को वजूहात से वाक़िफ़ करवाया जा सके। हैदराबाद-ओ-सिकंदराबाद में हैज़ा की वबा-ए-के असरात पर महकमा-ए-सेहत के ओहदेदारों का कहना है कि ये मौसमी वबाई अमराज़ हैं जो कि मौसम की तबदीली के सबब फैल रहे हैं जबकि ख़ानगी डॉक्टर्स इस बात की तसदीक़ कर रहे हैं कि हालिया अरसा में जो मरीज़ दवाख़ानों से रुजू हुए हैं उनमें एसी अलामात पाई जा रही हैं जो हैज़ा के ख़दशात पैदा कर रही हैं।
मजलिस बलदिया अज़ीम-तर हैदराबाद की तरफ से फ़ौरी तौर पर सड़क के किनारे ठेला बंडियों पर फ़रोख़त किए जानेवाले अश्या-ए-ख़ुर्द-ओ-नोश की तहक़ीक़ नहीं की जाती है तो एसी सूरत में हालात मज़ीद अबतर हो सकते हैं।
डॉक्टर्स का कहना है कि दोनों शहरों में हैज़ा की अलामात को देखते हुए सिर्फ यही मश्वरह दिया जा सकता है कि इन तमाम ग़िज़ाओं से परहेज़ किया जाये जिन ग़िज़ाओं के ताख़ीर से इस्तेमाल की सूरत में पेट में गड़बड़ के ख़दशात पैदा होते हैं। इस के अलावा होटलों और सड़क के किनारे दस्तयाब अश्या-ए-ख़ुर्द-ओ-नोश से कुछ दिन के लिए परहेज़ किया जाना चाहीए ताकि इस तरह की कोई शिकायत पैदा ना होने पाए। महकमा-ए-सेहत-ओ-ज़िला इंतेज़ामीया अगर फ़ौरी शऊर बेदारी मुहिम का आग़ाज़ करता है तो उस के मुसबित नताइज बरामद होंगे और हिफ़्ज़ान-ए-सेहत के मुआमला में ये बेहतरीन पेशरफ़त साबित होगा।