पटना, 27 मार्च: आर जे डी सरबराह लालू प्रसाद यादव ने कहा कि वो होली के तेहवार पर कोई सयासी मस्रूफ़ियत पसंद नहीं करते। बस अपने अरकान ख़ानदान के साथ होली मनाना और शानदार लंच और डिनर तनावुल करना उन की अव्वलीन तर्जीह होती है। उन्होंने कहा कि बचपन ही से वो होली के तहवार को इंतिहाई ताम झाम से मनाते आए हैं। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि भंग पीना तो ख़ैर हर दौर में रहा,लेकिन अब वो ऐसा नहीं करते क्योंकि उन की एक सरकारी और अवामी शबीहा भी है जिस का ख़्याल उन्हें बहरहाल रखना पड़ता है।
दिवाली के मौक़े पर पटाख़े छोड़ना और जोह खेलना अलैहदा बात है जब कि भंग पीना इस से बिलकुल जुदा है। भंग पी कर आदमी अपने आप में नहीं रहता और आप तो जानते हैं कि मीडिया बस चटपटी ख़बरों की तलाश में रहता है और में उन्हें कोई मौक़ा देना नहीं चाहता। अब अगर मीडिया उन की कोई क़ाबिले एतराज़ तस्वीर लेने के बाद सिर्फ़ ये कह कर माज़रत करले कि बुरा ना मानो होली है,तो वो इन का किया बिगाड़ लेंगे। लिहाज़ा एहतियात ईलाज से बेहतर है।