नई दिल्ली, 3 जुलाई: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि joint account holder की तरफ से जारी चेक के बाउंस होने पर सिर्फ उस चेक पर दस्तख्त करने वाले के खिलाफ ही मुकदमा चलेगा। महाराष्ट्र की एक खातून को राहत देते हुए जस्टिस पी सतशिवम और जस्टिस जेएस केहर की बेंच ने यह फैसला सुनाया। बेंच ने एनआइ एक्ट (नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स) की Section 138 का हवाला देते हुए कहा कि joint account से जारी चेक के बाउंस होने पर account holder को मुल्ज़िम नहीं बनाया जा सकता है, लेकिन अगर चेक पर हर होल्डर की तरफ से दस्तखत किया जाता है तो उस हालत में उनके खिलाफ भी केस चलाया जा सकता है।
एक खातून को उनके शौहर की तरफ से जारी चेक के बाउंस होने पर निचली अदालत ने समन जारी किया था। खातून ने इसे रद कराने को लेकर बांबे हाई कोर्ट में अपील की जिसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद खातून ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।