रूस के शहर उफा में आइंदा महीने एससीओ के सालाना इजलास के इतर वज़ीर ए आज़म नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी वज़ीर ए आज़म नवाज शरीफ के बीच बैठक के इम्कानात है। इसका मकसद ताल्लुकात को यकसा करना और आगे बढाना होगा। खबर है कि पीएम नरेंद्र मोदी का बुध के रोज़ शरीफ से टेलीफोन पर बात करने से हिंद और पाकिस्तान के बीच “तनाव में कमी” आई है।
यह बात चीत ऐसे वक्त पर हुई है जब अपने ढाका के हालिया दौरे पर पाकिस्तान के बारे में मोदी की तन्कीदी तब्सिरे और म्यांमार में हिंदुस्तान की फौजी कार्रवाई पर दोनों मुल्को के बीच ज़ुबानी जंग हुई थी । हालांकि बैठक के लिए अब तक किसी भी तरफ से रस्मी तौर पर गुजारिश नहीं की गयी है।
मोदी ने बुध के रोज़ शरीफ को फोन करके उन्हें रमजान के लिए मुबारकबादी दिये थें और कहा था कि दोनों मुल्को के बीच “पुरअमन” और “दोस्ताना” दो तरफा ताल्लुकात की जरूरत है। टेलीफोन पर अपनी बातचीत में मोदी ने शरीफ को रमजान के मौके पर भारत की तरफ से हिरासत में मौजूद पाकिस्तानी मछुआरों को रिहा करने के फैसले के बारे में बताया।
सालाना एससीओ इजलास नौ और दस जुलाई को उफा में होगी और हिंदुस्तान और पाकिस्तान दोनों को चीन की तरफ से ताईद इस तंज़ीम की मुकम्मल रुकनियत की मंजूरी मिलने के इम्कान है।
हिंदुस्तान ने गुजश्ता साल दुशांबे में एससीओ की इजलास में इस तंज़ीम की रुकनियत के लिए दरखास्त करते हुए कहा था कि वह इस तंज़ीम जुडने के लिए कदम बढाने को तैयार है। साल 2001 में शंघाई में रूस, चीन, किर्गिज गणतंत्र, कजाखस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के सदूरों ने एक इजलास में एससीओ कायम किये थे । साल 2005 में अस्ताना इजलास में भारत, ईरान और पाकिस्तान को सुपरवाइजर के तौर पर अपनाया गया था।