चीफ मिनिस्टर कर्नाटक सदर उमय्या ने हज़रत ख़्वाजा बंदा नवाज़(RH) रिसर्च सेंटर के क़ियाम के लिए.35 करोड़ की ख़तीर ग्रांट मंज़ूर करने का एलान किया है।
वो आज शामबजे हज़रत ख़्वाजा बंदा नवाज़(RH) के 609वीं उर्स शरीफ़ के ज़िमन में मुनाक़िदा सनअती नुमाइश ख़्वाजा बाज़ार का इफ़्तेताह अंजाम देने के बाद इज़हार ख़्याल कर रहे थे।
उन्होंने हज़रत ख़्वाजा बंदा नवाज़(RH) को अज़ीम सूफ़ी बताते हुए कहा कि गुलबर्गा सूफियों और संतों का शहर है जहां से सारी इंसानियत को मुहब्बत-ओ-मुसावात इनिसानी का पयाम मिलता है।
चीफ मिनिस्टर सदर उमय्या ने कहा कि तमाम मज़ाहिब में मुहब्बत-ओ-मुसावात इंसानी की तालीम दी गई है। लेकिन हिंदुस्तान जैसे हमा मज़हबी और रुहानी मुल्क में तफ़र्रुक़ा पसंद क़ुव्वतें सर उठा रही हैं और इंसानों के माबेन नफ़रत पैदा करने का काम रही हैं।
उन्होंने कहा कि सूफियों और संतों को मानने वाले और उनके पैरों की ज़िम्मेदारी है कि वो तफ़र्रुक़ा पसंद कुव्वतों का मुक़ाबला करें और उन्हें उनके नापाक अज़ाइम में नाकाम बनाएं।
चीफ मिनिस्टर सदर उमय्या ने मज़ीद कहा कि कर्नाटक में उन की हुकूमत ने ना सिर्फ़ अक़ल्लीयतों की हुकूमत को तरजीह दी है बल्कि अकलियतों के तहफ़्फ़ुज़ को भी यक़ीनी बनाएगी।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक में फ़िर्कापरस्त और फ़ाशिस्ट कुव्वतों को हरगिज़ उभरने नहीं दिया जाएगा। चीफ मिनिस्टर सदर उमय्या ने कहा कि उन्हें हज़रत ख़्वाजा बंदा नवाज़ से बेहद अक़ीदत है और वो आज दूसरी बार बारगाह हज़रत ख़्वाजा बंदा नवाज़ में हाज़िर हुए हैं।
कार्रवाई का अग़ाज़ हाफ़िज़ मुहम्मद अवीस ख़तीब-ओ-इमाम मस्जिद आलमगीर दरगाह शरीफ़ की करा-ए-त कलाम पाक से हुआ। हाफ़िज़ सयद मुहम्मद अली उल-हुसैनी जानशीन सज्जादा नशीन बारगाह बंदा नवाज़ ने चीफ मिनिस्टर और दुसरे मेहमानान को शालें उढ़ाते हुए गलपोशी की।
हज़रत डक्टर सयद शाह गेसू दराज़ ख़ुसरो हुसैनी सज्जादा नशीन बारगाह बंदा नवाज़ ने ख़ैरमक़दम किया ।गुलबर्गा ज़िला के निगरां वज़ीर क़मर उल-इस्लाम वज़ीर बलदी नज़म वनसक़ पब्लिक इंटर प्राइज़स अकलियती बहबूद वक़्फ़ वहज ने मेहमान-ए-ख़ुसूसी की हैसियत से ख़िताब करते हुए कहा कि हज़रत ख़्वाजा बंदा नवाज़ सिर्फ़ सूफ़ी ही नहीं थे बल्कि आलम और बुलंद पाया मुहक़्क़िक़-ओ-अदीब भी थे।
क़मर उल-इस्लाम ने कहा कि हज़रत बंदा नवाज़ ने 105 किताबें तसनीफ़ फ़रमाई हैं और मेराज उल-आशिक़ीन आप की मअर कुत्ता अलारा-ए-किताब है।
उन्होंने कहा कि गुलबर्गा हज़रत ख़्वाजा बंदा नवाज़ के इलमी फैज़ान के सबब आलमगीर शौहरत याफ़ता गहवारा इलम-ओ-अदब बना हुआ है।
उन्होंने चीफ मिनिस्टर सदर उमय्या को मुख़ातब करते हुए कहा कि दरगाह हज़रत ख़्वाजा बंदानवाज़ की क़दीम लाइब्रेरी जिस में हज़रत ख़्वाजा बंदानवाज़ के क़लमी ख़ुतूत-ओ-मख़तूतात का बेश बहा ज़ख़ीरा मौजूद है , वो देखने और रिसर्च करने के लिए ना सिर्फ़ हिंदुस्तान बल्कि दुनिया भर से मुहक़्क़िक़ीन आते हैं।
अल्हाज क़मर उल-इस्लाम ने चीफ मिनिस्टर सदर उमय्या से पुरज़ोर मुतालिबा किया कि वो असरी तर्ज़ पर हज़रत ख़्वाजा बंदा नवाज़ रिसर्च सेंटर के क़ियाम के लिए दरकार 1.35 करोड़ की ग्रांट मंज़ूर करें।