क़ातिलों को मक़्तूलीन से इज़हार-ए-हमदर्दी का हक़ नहीं

वज़ीर इन्फ़ार्मेशन टेक्नालोजी के टी रामा राव‌ ने किसानों के मसाइल पर एहतेजाज करने वाले कांग्रेस क़ाइदीन को सख़्त तन्क़ीद का निशाना बनाया।

उन्होंने कहा कि किसानों की ख़ुदकुशी के ज़िम्मेदार क़ाइदीन हमदर्दी का इज़हार करते हुए मगरमच्छ के आँसू बहारहो हैं। किसानों की ख़ुदकुशी के वाक़ियात पर कांग्रेस की तरफ से ताज़ियती जलसा के इनइक़ाद को मज़हकाख़ेज़ क़रार देते हुए के टी आर ने रिमार्क किया कि किसानों के क़ातिल ताज़ियती जलसा मुनाक़िद कररहे हैं।

तेलंगाना के मुख़्तलिफ़ इलाक़ों में कांग्रेस क़ाइदीन की तरफ से धरना और महलूक किसानों को ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश करने को महिज़ ड्रामा क़रार देते हुए के टी रामा राव‌ ने तेलंगाना कांग्रेस क़ाइदीन को पाँच सफ़हात पर मुश्तमिल एक मकतूब रवाना किया जिस में उन्होंने कांग्रेस दोरे हुकूमत में किसानों की ख़ुदकुशी के वाक़ियात का हवाला दिया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस हुकूमत की ग़लत पालिसीयों के सबब किसान ख़ुदकुशी पर मजबूर हुए और ज़रई और बर्क़ी शोबा में मौजूदा बोहरान कांग्रेस हुकूमत की देन है। मकतूब को मीडीया के लिए जारी करते हुए के टी रामा राव‌ ने कहा कि किसानों की हमदर्दी में कांग्रेस क़ाइदीन की बातें मज़हकाख़ेज़ हैं।

कांग्रेस ने अपने दस साला दौरे हुकूमत में ज़रई शोबा को यकसर फ़रामोश कर दिया था। महबूबनगर में कांग्रेस क़ाइदीन के धरने को महिज़ दिखावा और ड्रामा क़रार देते हुए के टी रामा राव‌, जोपली कृष्णा राव‌ और लकशमा रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी तेलंगाना में बर्क़ी प्रोजेक्ट के क़ियाम पर तवज्जा नहीं दी। यही वजह हैके नई रियासत को बर्क़ी की क़िल्लत का सामना है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस क़ाइदीन को किसानों से हमदर्दी का कोई अख़लाक़ी हक़ नहीं।

उन्होंने कहा कि मर्कज़ी वज़ीर पेट्रोलीयम की हैसियत से ख़िदमात अंजाम देने वाले जयपाल रेड्डी ने वज़ीर की हैसियत से कभी भी नीदनोर और शंकरपली प्रोजेक्ट को गैस की सरबराही पर तवज्जा नहीं दी।उन्होंने कहा कि निज़ामबाद के आरमोर में फसलों की मुनासिब क़ीमत का मुतालिबा करने वाले किसानों पर कांग्रेस हुकूमत ने फायरिंग की थी।

मर्कज़ी हुकूमत की फ़ूड फ़ार वर्क इस्कीम में कई बे क़ाईदगीयाँ की गईं जिस के लिए कांग्रेस क़ाइदीन ज़िम्मेदार हैं। के टी आर ने कहा कि कांग्रेस के 40 साला दौरे हुकूमत की कोताहियों और ग़लतीयों का ख़मयाज़ा तेलंगाना को भुगतना पड़ रहा है। एसे में सिर्फ़ चार माह के अंदर टी आर एस हुकूमत से तमाम मसाइल की यकसूई की उम्मीद करना सरासर ज़्यादती होगी।