हकूमत-ए-हिन्द की तरफ से तैयार करदा क़ानून हक़ तालीम पर मुकम्मिल अमल आवरी को यक़ीनी बनाने के इक़दामात की सूरत में रियासत तेलंगाना के ज़ाइद अज़ दो लाख तलबा जो फ़ीस अदा करने से क़ासिर हैं ख़ानगी स्कूलों में दाख़िलों के अहल होसकते हैं और हैदराबाद में ज़िला इंतेज़ामीया-ओ-स्कूल एजूकेशन डिपार्टमेंट की तरफ से क़ानूने हक़ तालीम के सख़्ती से नफ़ाज़ को यक़ीनी बनाने पर 25 हज़ार से ज़ाइद तलबा को मुफ़्त ख़ानगी स्कूलों में दाख़िला हासिल होसकता है।
हकूमत-ए-हिन्द ने साल 2009 में क़ानूने हक़ तालीम मुदव्वन करते हुए उसे अंदरून 5 साल मुकम्मिल तौर पर नाफ़िज़ करने का फ़ैसला किया था और 2015 में शुरू होने वाले तालीमी साल में क़ानूने हक़ तालीम के तहत मौजूद तमाम नकात पर अमल आवरी को यक़ीनी बनाया जाना ज़रूरी है।
इस क़ानून के एतेबार से से ख़ानगी स्कूलों में 25% मआशी-ओ-समाजी तौर पर पसमांदा तलबा को मुफ़्त दाख़िला-ओ-तालीम फ़राहम करनी चाहीए लेकिन रियासत तेलंगाना में शाज़-ओ-नादिर ही किसी तालीमी इदारे में इस क़ानून पर अमल आवरी की जा रही है। तुराब अली के बमूजब रियासत आंध्र प्रदेश ओ तेलंगाना में क़ानूने हक़ तालीम पर अमल आवरी नहीं किए जाने के सबब हज़ारों तलबा का नुक़्सान होरहा है।
उन्होंने बताया कि पिछ्ले दो बरसों से इस सिलसिले में मुताल्लिक़ा मह्कमाजात-ओ-हुकूमत की तवज्जा मबज़ूल करवाई जा रही है लेकिन इस के बावजूद कोई कार्रवाई सरकारी सतह पर नहीं होरही है। हकूमत-ए-हिन्द की तरफ से नाफ़िज़ करदा इस क़ानून के मुताबिक़ मुल्क के हर ख़ानगी स्कूल में पहली जमात में 25% एसे तलबा को दाख़िला दिया जाना ज़रूरी है जो फ़ीस अदा करने के मौक़िफ़ में नहीं हैं और पसमांदा तबक़ात से ताल्लुक़ रखते हैं।
तालीमी साल 2015-16से 25% तलबा को मुफ़्त दाख़िलों के क़ानून पर अमल आवरी लाज़िमी है। दिल्ली कर्नाटक के अलावा मुल्क के बाज़ दुसरे रियासतों में भी इस क़ानून पर मन-ओ-एन अमल आवरी का आग़ाज़ होचुका है। हुकूमत इस क़ानून की दफ़ा 12(1)C को बेहतर अमल आवरी के काबिल बनाने के इक़दामात करती है तो एसी सूरत में सरकारी स्कूलों की ज़बूँहाली के सबब तर्क तालीम करने वाले तलबा और मआशी हालात की अबतरी के बाइस ख़ानगी स्कूलों में तालीम हासिल करने गुरेज़ करने वाले तलबा को रियासत के ख़ानगी स्कूलों में दाख़िले हासिल होसकते हैं।
क़ानूने हक़ तालीम के मुताल्लिक़ अवाम में शऊर उजागर करते हुए अगर ख़ुद अवाम और ग़ैर सरकारी तंज़ीमें जिन स्कूलों में क़ानूने हक़ तालीम पर अमल अवरी ना की जा रही हो इस के ख़िलाफ़ शिकायत करें और अदालत से रुजू हूँ तो एसी सूरत में भी तलबा को ज़बरदस्त फ़ायदा हासिल होसकता है।
रियासत खासकर हैदराबाद के ख़ानगी स्कूलों के मुताल्लिक़ बताया जाता हैके क़ानूने हक़ तालीम की किसी भी शक़ पर अमल आवरी इन स्कूलों में नहीं की जा रही है। स्कूलों में दाख़िले के वक़्त बच्चों के वालिदैन के इंटरव्यूज़ के मुताल्लिक़ क़ानून में वज़ाहत मौजूद है लेकिन इस के बावजूद मिशनरी स्कूलों की तस्रफ से वालिदैन-ओ-ओलयाए तलबा के इंटरव्यू लिए जा रहे हैं और स्कूल-ओ-मकान के दरमयान मुसाफ़त को देखते हुए दाख़िला देने से इनकार किया जा रहा है।
हुकूमत के महिकमा बुनियादी तालीम ज़िला इंतेज़ामीया को फ़ौरी तौर पर हरकत में आते हुए तालीमी साल के आग़ाज़ से पहले स्कूल इंतेज़ामीया की मीटिंग तलब करते हुए उन्हें इस बात का पाबंद बनाना चाहीए कि वो क़ानूने हक़ तालीम पर मन-ओ-एन अमल आवरी को यक़ीनी बनाईं।