पाकिस्तान की क़ौमी असेंबली के स्पीकर अयाज़ सादिक़ ने बुध को मुत्तहदा क़ौमी मूवमैंट के 24 अराकीन की तरफ़ से मौसूल होने वाले इस्तीफ़ों की तसदीक़ कर के उन पर ज़ाबते की कार्रवाई करने का हुक्म जारी कर दिया है।
उधर सिंध असेंबली से मिलने वाली इत्तिलाआत के मुताबिक़ वहां स्पीकर की जानिब से ताहाल इस्तीफ़ों की तसदीक़ का अमल शुरू नहीं किया गया है। क़ौमी असेंबली के ज़राए ने उर्दू सर्विस को बताया कि क़ौमी असेंबली में मौजूद एम क्यु एम के अराकीन ने आईन के आर्टीकल 64 की शक़ एक के तहत अपने हाथ से लिखे हुए इस्तीफ़े रज़ाकाराना तौर पर स्पीकर अयाज़ सादिक़ को जमा कराए।
क़ौमी असेंबली के क़्वाइद और ज़वाबत में शक़ 34 के तहत इस्तीफ़े मौसूल होने के बाद स्पीकर को ये तसदीक़ करना होती है कि इस्तीफ़े रज़ाकाराना तौर पर किसी दबाव के बग़ैर दिए गए हैं और उन्हें ये भी देखना होता है कि ये इस्तीफ़े हाथ से तहरीर किए हुए हैं या नहीं।
स्पीकर अयाज़ सादिक़ ने मुत्तहदा के अराकीन से फ़र्दन फ़र्दन ये इस्तीफ़े वसूल किए और हर एक रुक्न से क़्वाइद के मुताबिक़ ये सवाल पूछा कि वो इस्तीफ़ा अपनी मंशा और बग़ैर किसी दबाव के दे रहे हैं।