जम्मू-ओ-कश्मीर में लगातार दूसरे दिन आज भी रिश्वत सतानी के मसला पर एहतिजाज का सिलसिला जारी रहा। ऐवान का इजलास मुल्तवी करने से स्पीकर मुहम्मद अकबर लोन के इनकार के बाद अपोज़ीशन अरकान ऐवान के वस्त में पहूंच गए। वक़्फ़ा-ए-सवालात मैं ख़लल अंदाज़ी के बाद स्पीकर ने आज रिश्वत सतानी के मसला पर बहस की इजाज़त देने का वायदा किया था।
जैसे ही इजलास शुरू हुआ महबूबा मुफ़्ती की ज़ेर-ए-क़ियादत अपोज़ीशन जमात पी डी पी ने चीफ़ मिनिस्टर और कई वुज़रा को रियास्ती एहतिसाब कमीशन की तरफ़ से जारी कर्दा नोटिस पर वक़्फ़ा-ए-सवालात मुल्तवी करने और रशोतसतानी के मसला पर बहस का मुतालिबा किया।
लेकिन जब स्पीकर ने ऐवान मुल्तवी करने से इनकार कर दिया पी डी पी अरकान मुख़ालिफ़ हुकूमत नारा बाज़ी पर उतर आए। चीफ़ मिनिस्टर उमर अबदुल्लाह ने मुदाख़िलत करते हुए कहा कि रिश्वत सतानी जैसे मसला पर हुकूमत को भी यकसाँ तशवीश है जिस का गवर्नर के ख़ुतबा में भी हवाला दिया गया है।
उन्होंने याद दिलाया कि बिज़नेस एडवाइज़री कमेटी के इजलास में जिसमें पी डी पी ने भी शिरकत की थी इस बात से इत्तेफ़ाक़ किया गया था कि अवामी मसाइल उठाने के लिए वक़्फ़ा-ए-सवालात कलीदी एहमीयत के हामिल है। मिस्टर उमर अबदुल्लाह ने अपोज़ीशन को मश्वरा दिया कि वो वक़्फ़ा-ए-सवालात के इख़तेताम के बाद रिश्वत सतानी के मसला पर बहस करें।
सी पी आई (ऐम) के लीडर एम वाइ तारे गामी और जम्मू-ओ-कश्मीर नैशनल पैंथर्स पार्टी (jammu kashmir national panthers party) के हरीश देव सिंह ने भी कहा कि वक़्फ़ा-ए-सवालात मैं ख़लल अंदाज़ी नहीं होनी चाहीए क्योंकि इसमें अहम अवामी मसाइल उठाए जाते हैं। लेकिन पी डी पी अरकान रिश्वत के मसला पर बहस के लिए बज़िद रहे।