पेरिस, २७ सितंबर (ए एफ पी) लीबिया में बाग़ीयों के हाथों पकड़े जाने के बाद क़त्ल से क़बल साबिक़ ( पूर्व) मक़्तूल ( मृतक) लीडर कर्नल मुअम्मर क़ज़ाफ़ी के खु़फ़ीया ठिकाने का सुराग़ लगाने वाला इन्क़िलाबी ( क्रांतिकारी) कारकुन ( कार्यकर्ता) इमरान जुमा शाबान ज़ख्मों की ताब ना लाते हुए फ़्रांस के एक अस्पताल में इंतेक़ाल कर गया।
इमरान शाबान को चंद रोज़ क़बल लीबिया में साबिक़ मर्द आहन ( लौह पुरुष) कर्नल क़ज़ाफ़ी के हामीयों ( समर्थको) ने अग़वा के बाद बहीमाना ( वहशियाना) तशद्दुद का निशाना बनाया था लेकिन उसे शदीद ज़ख्मी हालत में अग़वा कारों से छुड़ा लिया गया था जिस के बाद उसे ईलाज के लिए फ़्रांस भेजा गया था ताहम ( यद्वपि) वो ज़ख़मों की ताब ना लाते ( सवस्थ न होते) हुए इंतिक़ाल कर गया।
ख़्याल रहे कि इमरान जुमा शाबान ने 20 अक्तूबर 2011 को लीबिया के शहर सिरत में कर्नल क़ज़ाफ़ी के खु़फ़ीया ठिकाने की इत्तिला ( सूचना) बाग़ीयों को दी थी जिस के बाद उन के ठिकाने पर नाटो फ़ौजीयों के जंगी जहाज़ों ने बमबारी की और फिर ज़मीनी कार्रवाई कर के साबिक़ सदर को पकड़ने के बाद तशद्दुद कर के क़त्ल कर दिया गया था।
हाल ही में इमरान को सिरत ही से कर्नल क़ज़ाफ़ी के हामी ( समर्थक) एक ग्रुप ने अगवा कर लिया था। अग़वा के बाद इमरान को वहशयाना तशद्दुद का निशाना बनाया गया। कर्नल क़ज़ाफ़ी के ठिकाने का पता लगाने वाले इन्क़िलाबी कारकुन ( क्रांतीकारी कार्यकर्ता ) के अग़वा की ख़बर फैलते ही हुकूमत हरकत में आ गई।
पार्लीमेंट ने मग़्वी की बाज़याबी (फिर से पाने के लिए) के लिए फ़ौरी इक़दामात का मुतालिबा किया जिस के बाद इमरान को शदीद ज़ख़मी हालत में अग़वा कारों से छुड़ा तो लिया गया लेकिन वो ज़ख्मों की ताब ना ला कर चल बसा। सिरत में उबूरी कौंसल की मुक़ामी क़ियादत की जानिब से इमरान शाबान के इंतेक़ाल पर गहरे दुख का इज़हार करते हुए इसके ख़ानदान से हमदर्दी का इज़हार किया गया है।
उबूरी कौंसल के ओहदेदारों का कहना है कि इमरान के अग़वा और तशद्दुद में मुलव्वस ( मिले) अनासिर ( मूल तथ) के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी और उन्हें भी कर्नल क़ज़ाफ़ी की तरह उन के मंतक़ी ( आखिरी) अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।