नई दिल्ली, 04 फ़रवरी: ख़वातीन के ख़िलाफ़ जिन्सी तशद्दुद पर आर्डीनैंस को मर्कज़ी काबिना की मंज़ूरी के दो दिन बाद सदर जमहूरीया ने आज उस की तौसीक़ करदी। इस आर्डीनेंस के ज़रीये इस्मतरेज़ि पर मुजरिम को सज़ाए मौत भी होसकती है। सदर जमहूरीया ने फ़ौजदारी क़ानून (तरमीमी ) आर्डीनेंस 2013 को मंज़ूरी दे दी।
वज़ारत-ए-दाख़िला के तर्जुमान ने ये बात बताई। मर्कज़ी काबीना ने जुमे को आर्डीनेंस का मुसव्वदा मंज़ूरी के बाद सदर जमहूरीया से रुजू कर दिया था। इस के ज़रीये ख़वातीन के ख़िलाफ़ जराइम से निमटने इंतिहाई सख़्त क़वानीन यक़ीनी बनाए गए हैं। ये आर्डीनेंस ऐसे वक़्त मंज़ूर किया गया जबकि पार्लीमैंट का बजट सैशन शुरू होने के लिए तीन हफ़्तों से भी कम वक़्त बचा है।
जस्टिस जे एस वर्मा कमेटी की सिफ़ारिशात की बुनियाद पर ये आर्डीनेंस तैयार किया गया। इस कमेटी ने लफ़्ज़ इस्मतरेज़ि को जिन्सी हमले से तबदील करने की सिफ़ारिश की ताकि ख़वातीन के ख़िलाफ़ तमाम इक़साम के जिन्सी जराइम पर मूसिर कार्रवाई यक़ीनी होसके।