नबी आख़िर-ऊज़-ज़मा स०अ०व० ता क़ियामत सारी इंसानियत के लिए रहबर बनाकर भेजे गए हैं। नबी करीम ने सरज़मीन अरब में जाहिलियत, गुमराही और बुराईयों का ख़ातमा करते हुए मिसाल पेश की। इन ख़्यालात का इज़हार जनाब मुहम्मद रफ़ीक़ सेक्रेटरी दावत जमात-ए-इस्लामी हिंद आंधरा प्रदेश-ओ-उड़ीसा ने क्रिस्टल गार्डेन्स मेदक में एक बड़े इजतिमा को मुख़ातिब करते हुए किया।
उन्हों ने मज़ाहिब की मुख़्तलिफ़ किताबों का हवाला देते हुए कहा कि गीता, वेद और बाइबल में आप स०अ०व० की आमद की पेशन गोई मौजूद है। क़ुरआन-ओ-हदीस के इलावा बिरादरान वतन की किताबों गीता, वेद और बाइबल के हवाले से इस कायनात का तख़लीक़्कार एक है। अपने मज़हब के इलावा क़ुरआन और सीरत का मुताला करके आफ़ाक़ी पैग़ाम को समझने की कोशिश करें और मुआशरा और मुल्क को इन तमाम ज़ुलम से नजात दें जिस में आज हमारा मुल़्क मुबतला है, जिस में खासतौर पर शराब, जूआ, सूद, जहेज़, लड़कीयों के साथ ज़ुलम वग़ैरा से नजात का एक ही रास्ता है वो है अपने पैदा करने वाले की फ़रमांबर्दारी।
मग़रिबी कल्चर और सोच नौजवान लड़के-ओ-लड़कीयों को बेराह रवी की तरफ़ राग़िब कर रही है। ख़ानदानी निज़ाम दिरहम ब्रहम हो रहा है, सूदी कारोबार से ख़ुदकुशियों में इज़ाफ़ा हो रहा है, माँ बाप की क़दर घट रहे है और नौजवान अपने माँ बाप की ख़िदमत से दूर भागते हुए उन्हें ओल्ड एज्ज होम में डाल रहे हैं। जनाब मुहम्मद रफ़ीक़ ने अपने ख़िताब बज़बान तलगो से हाज़िरीन को मुतास्सिर किया। बाद ख़िताब के सवालात-ओ-जवाबात के सिलसिला में एक सवाल के जवाब में अल्लाह ताला की ख़ुसूसीयात को तफ़सील से समझाते हुए कहा कि माँ बाप का मर्तबा बहुत बुलंद है।
प्रोग्राम का आग़ाज़ हाफ़िज़ सैयद शफ़ी उल्लाह हुसैनी की तिलावत से हुआ। इफ़्तेताही कलिमात में मीर ज़फ़र उल्लाह ताहिर मुआविन नाज़िम ज़िला जमात-ए-इस्लामी हिंद ज़िला मेदक ने कहा कि आज इंसान कल्बी सुकून की तलाश में है। इस की प्यास-ओ-तड़प को दूर करना उन्हें हक़ की दावत देना उम्मत मुस्लिमा का फ़रीज़ा है।
कार्रवाई अमीर मुक़ामी मुहम्मद फ़ाज़िल हुसैन ने बज़बान तलगो चलाई। इस इजतिमा में हिन्दू अहबाब वुकला, असातिज़ा, ताजिर-ओ-दीगर मुआशरा के अहम अफ़राद ने शिरकत की।