हैदराबाद 14 अप्रैल: नीयती आयोग के वाइस चेरमैन अरविंद पनागरया ने मश्वरह दिया कि ग़ुर्बत के ख़ातमे के लिए तेंडुलकर कमेटी रिपोर्ट से ज़्यादा से ज़्यादा रोज़गार पैदा करने की ज़रूरत है। इस के अलावा समाजी प्रोग्रामों को मुस्तहकम किया जाना चाहीए। नीयती आयोग के वाइस चेरमैन ने आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तामिलनाडु, केराला और मर्कज़ी ज़ेरे इंतेज़ाम इलाक़ों एंड वीमेन, लिक्षा दीप रियासतों के साथ हैदराबाद में पहले मुशावरती कमेटी मीटिंग से ख़िताब करते हुए कहा कि ग़ुर्बत के ख़ातमे के लिए ज़रूरी है कि हम ज़्यादा से ज़्यादा रोज़गार फ़राहम करें। इस मीटिंग में कई रियासतों की तरफ से शुरू करदा मुख़्तलिफ़ स्कीमात की रिपोर्ट भी पेश की गई।
वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी ने नीयती आयोग की तशकील देते हुए ग़ुर्बत के ख़ातमे के लिए तजावीज़ पेश करने पर-ज़ोर दिया है। मुल्क में इस वक़्त सबसे अहम मसला ग़ुर्बत को दूर करना है। मर्कज़ और रियासती हुकूमतों के समाजी प्रोग्रामों को मज़बूत बनाते हुए हर ज़रूरतमंद फ़र्द की निशानदेही की जानी चाहीए।मर्कज़ और रियासतों को तेंनडोलकर कमेटी की सिफ़ारिशात पर अमल आवरी जारी रखनी चाहीए।