एमनेस्टी इंटरनेशनल की जानिब से जारी की गई एक रिपोर्ट में ये वज़ाहत की गई है कि 2014 की गरमाई जंग में ग़ज़ा में फ़लस्तीनी राकेट दागे़ जाने के वाक़ियात में ग़ज़ा पट्टी के अंदर इंसानी जानों का इत्तिलाफ़ ज़्यादा हुआ बनिसबत इसराईल के।
यहां इस बात का तज़किरा ज़रूरी है कि 50 रोज़ा जंग में ग़ज़ा में 2200 अफ़राद जांबाहक़ हुए थे जिन में अक्सरीयत आम शहरीयों की थी जबकि इसराईल में हलाक होने वालों की तादाद 73 थी जिन में अक्सरीयत फ़ौजीयों की थी।