ज़रदारी की नाटो से सौदा बाज़ी की कोशिश

कराची / बर्तानवी मेगेजिन एकोनोमिक्स‌ के मुताबिक़ शिकागो कान्फ़्रैंस में पाकिस्तानी मुतालिबात ग़ैर माक़ूल होने की वजह से ओबामा ने ज़रदारी से मिलने से इन्कार किया, नाटो पाँच हज़ार फ़ी कंटेनर की बजाए 5 सौ डालर देने को तैयार था।

स्पलाई लाईन की बंदिश की वजह पाकिस्तानी चैकपोस्ट पर हवाइ हमले की तबाहकुन अमेरीकी ग़लती थी,ओबामा ने अफ़सोस की बजाए पाकिस्तान से सिर्फ ताज़ियत की।

ज़रदारी शिकागो में नाटो से सौदा बाज़ी करना चाहते थे लेकिन अपनी कमज़ोरीयों और आम पाकिस्तानीयों में अमेरीका मुख़ालिफ़ जज़बात की वजह से वो एसा ना कर पाए।

मेगेजिन‌ के मुताबिक़ अफ़्ग़ान जंग के ख़ातमे के औकात तय करने के लिए शिकागो में नाटो सरबराही इजलास हल देने की बजाए कई सवालात खड़े कर गया। इस इजलास का एजंडा बडावा था लेकिन एक मसले के सिवा किसी पर भी फ़ोकस नहीं किया गया।

कान्फ़्रैंस में एक परेशानकुन तमाशा पाकिस्तान के साथ नाटो स्पलाई की बहाली मुआहिदे पर इत्तिहादी मुल्को की नाकामी थी। मुश्किल में घिरे और इंतिहाई ग़ैर मक़बूल पाकिस्तानी सदर आसिफ़ अली ज़रदारी को इस उम्मीद पर बुलाया गया था कि वो नाटो बहाली पर मुआहिदे को हतमी शक्ल देंगे।

मेगेजिन‌ के मुताबिक़ इस में कोई शक नहीं कि सदर ज़रदारी की हैसियत सौदा बाज़ी की थी लेकिन उन की कुछ अपनी कमज़ोरीयों और आम पाकिस्तानीयों में अमेरीका मुख़ालिफ़ जज़बात कि वजह से उन की बातचित‌ की बज़ाहिर कमी की अक्कासी कर रही थी।

कान्फ़्रैंस में इत्तिहाद ने यूरो,योरपी बैलिस्टिक दिफ़ाई मिज़ाईल और अन्य‌ इशूज़ पर भी बात की लेकिन तमाम इशूज़ पर दस साल से जारी तालिबान और इस के इत्तिहादियों से अफ़्ग़ान जंग से एक एहतिराम के काबिल‌ इनख़ला को तर्जीह हासिल रही।
इस मक़सद के हुसूल का कोई इतमीनान बख़श हल तलाश करने की बजाए शिकागो कान्फ़्रैंस से ज़ाहिर हुआ बहुत मुश्किल दरपेश है।