ज़लज़ले से नेपाल में 758 और हिंद में 34 की मौत

नई दिल्ली। दिल्ली समेत पूरे हिंदुस्तान और पडोसी मुल्क पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश में हफ्ते के रोज़ दोपहर आए जबर्दस्त ज़लज़ले ने नेपाल में भारी तबाही मचाई है जबकि नेपाल से सटे हिंदुस्तान के बिहार, झारखंड, मगरिबी बंगाल वगैरह में भी काफी जान-माल के नुकसान की खबर है।

नेपाल के वज़ारत ए दाखिला के मुताबिक अब तक 758 मौतों की इत्तेला है।खौफनाक तबाही के बाद नेपाल में इमरजेंसी ऐलान कर दिया गया है। नेपाल से सटे हिंदुस्तानी इलाकों, खासकर बिहार,सिकि्कम,दार्जीलिंग इलाकों में भी ज़्यादा नुकसान हुआ है। ज़लज़ले के झटके चेन्नई तक महसूस किए गए।अब तक मिली इत्तेला के मुताबिक बिहार में 23, बंगाल 3 और उत्तर प्रदेश में 8 लोगों की जानें गई हैं।

सबसे पहले 11 बजकर 44 मिनट पर ज़लज़ले के झटके आए, जो एक मिनट से ज्यादा महसूस किए गए। इसके बाद दूसरी बार 12 बजकर 20 मिनट पर ज़लज़ले के झटके महसूस किए गए, जो पहले से कम शिद्दत के और थोड़ी देर महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी शिद्दत 7.9 बताई जा रही है। हालांकि हिंद में ज़्यादा शिद्दत 6 से 6.5 रिक्टर स्कले थी।

ज़लज़ले का मरकज़ नेपाल में काठमांडू से 77 किमी दूर शुमाली मगरिबी में लामजून के पास 31 किलोमीटर गहराई पर था। वहां ज़लज़ले की शिद्दत 7.9 थी। पाकिस्तान, बांग्लादेश में भी ज़लज़ले के झटके महसूस किए गए। नुकसान की खबर सिर्फ नेपाल से ही आ रही है। वहां कई मकान और इमारतें गिर गए हैं।

हिंदुस्तान में ज़लज़ले के झटके दिल्ली के अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, मगरिबी बंगाल, , उडीसा में महसूस किए गए हैं। दिल्ली में इसकी शिद्दत रिक्टर स्केल पर 5 मापी गई है। नेपाल में काफी लोगों के हताहत होने, इमारतें गिरने, सडकें धंसने, घरों के मुंहदिम होने की खबरें मिल रही हैं। खबर लिखे जाने के वक्त तक वहां करीब 100 लोगों के मारे जाने की तस्दीक हो चुकी है और अभी कई लोग मुंहदिम हुई इमारतों के मलबे में दबे हुए हैं।

काठमांडू की तारीखी नौ मंजिला इमारत दारहारा मुंहदिम हो गई है, जिसके नीचे करीब 450 लोगों के दबे होने का इम्कान जताया जा रही है। इसे भीमसेन टॉवर भी कहते हैं। इसकी तामीर 1831 में कराया गया था। जनकपुरी के मशहूर जानकी मंदिर को भी काफी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा भी कई इमारतों के गिरने की खबरें जिनके मलबे में कई लोगों के दबे होने और मारे जाने की खबरें आ रही हैं।

इंतेज़ामिया ने बचाव और राहत कार्य तेजी से शुरू कर दिए हैं। इस सानेहा की घडी में हिंदुस्तान ने बचाव और राहत काम चलाने के लिए एनडीआरएफ की पाचं टीमें रवाना कर दी है। इसके अलावा फौज के हेलिकॉप्टरों को अलर्ट पर रखा गया है, ताकि इशारा मिलते ही काठमांडू के लिए परवाज़ कर सकें।