तालीम सिर्फ़ मुलाज़मत के लिए ही नहीं बल्कि ज़िंदगी के हर शोबा में ज़रूरी है। मुस्लमानों के लिए तालीम का हासिल करना बहुत ज़रूरी है। तालीम के बगै़र ज़िंदगी के फ़ैसले सही नहीं हो सकते और ना ही सही रास्ता का ताय्युन मुम्किन है।
आज की नौजवान नस्ल इल्म से आरास्ता होकर ही क़ौम-ओ-मुल़्क की ख़िदमत कर सकती है। इन ख़्यालात का इज़हार जनाब मुहम्मद नूह कार्पोऱेटर सिटी कारपोरेशन गुलबर्गा ने जवाहर हिंद स्कूल में मुनाक़िदा जलसा तक़सीम इनामात से ख़िताब के दौरान किया।
उन्होंने तलबा से अपील की कि वो मेहनत-ओ-लगन से तालीम हासिल करें, वक़्त ज़ाय ना करें। जनाब फ़य्याज़ उद्दीन सदर उल-हबीब एजूकेशनल ट्रस्ट गुलबर्गा ने तलबा-ए-को मुख़ातिब करते हुए कहा कि दौलत से ज़्यादा इल्म की एहमीयत है।
तालीम-ए-याफ़ता इंसान और जाहिल इंसान की शख़्सियत में फ़र्क़ होता है। लिहाज़ा तालीम के ज़रीया हमें अपनी शख़्सियत को संवारना चाहीए। जनाब मुहम्मद हाजी ज़ोनल कमिशनर सिटी कारपोरेशन गुलबर्गा ने अपनी तक़रीर में मुदर्रिसा के डिसीप्लीन की तारीफ़ की।
उन्होंने इनाम पाने वाले तलबा-ए-को मुबारकबाद दी और तमाम तलबा-ए-से ख़ाहिश की कि वो सख़्त मेहनत को अपना शेवा बनाए। जनाब नईम सरीकार कारपोऱेटर सिटी कारपोरेशन गुलबर्गा ने कहा कि मुदर्रिसा इल्म का मख़ज़न होते हैं।
कामयाब ज़िंदगी गुज़ारना है तो तलबा अपने असातिज़ा का एहतेराम करें। मेहमान के हाथों और जनाब मुहम्मद साबिर हुसैन ट्रस्टी न्यू माडर्न एजूकेशनल ऐंड चैरीटेबल ट्रस्ट तलबा ओ तालिबात में इनामात की तक़सीम अमल में आई।