फ़रहत ख़ान मक्का मस्जिद में नमाज़ जुमा अदा नहीं कर सके

पुलिस ने मजलिस बचाव‌ तहरीक के उम्मीदवार हलक़ा असेंबली याक़ूतपूरा मजीद उल्लाह ख़ान फ़रहत को जुमा की नमाज़ की अदायगी के लिए मक्का मस्जिद पहुंचने से रोक दिया।

मजीद उल्लाह ख़ान फ़र्हत जब अपने चुनाव दफ़्तर से मक्का मस्जिद के लिए रवाना हुए तो हज़ारों हामी उनके हमराह चल पड़े। पुलिस ने सूरत-ए-हाल को देखते हुए दबीरपुरा बिरज के क़रीब निज़द जब्बार होटल भारी तादाद में पुलिस की ताय्युनाती के ज़रीये रास्ता रोक दिया और मजीद उल्लाह ख़ान फ़र्हत को हिरासत में ले लिया गया।

उनके साथ मजलिस बचाव‌ तहरीक के हलक़ा पार्लीमान हैदराबाद के उम्मीदवार मुस्तफ़ा महमूद और हलक़ा असेंबली चारमीनार के उम्मीदवार माजिद ख़ान को भी हिरासत में ले लिया गया।

इन क़ाइदीन को हिरासत में लेते हुए पुलिस ने फ़ौरी दबीरपुरा पुलिस स्टेशन मुंतक़िल कर दिया और उन क़ाइदीन के साथ मौजूद कारकुनों को वहां से चले जाने की हिदायत दी।

एडीशनल डिप्टी कमिशनर आफ़ पुलिस साउथ ज़ोन बाबू राव‌ की ज़ेर-ए-निगरानी पुलिस ने मजलिस बचाव‌ तहरीक के दफ़्तर के अतराफ़-ओ-अकनाफ़ ख़ुसूसी इंतेज़ामात कर रखे थे जैसे ही इस बात की इत्तेला मौसूल हुई कि मजीद उल्लाह ख़ान फ़र्हत मक्का मस्जिद रवानगी के लिए निकल चुके हैं तो पुलिस ने फ़ौरी हरकत में आते हुए इन का रास्ता रोक दिया।

लंबा रेड्डी के अलावा दुसरे आला पुलिस ओहदेदार भी इस मौके पर बंद-ओ-बस्त की निगरानी करते नज़र आए। मजीद उल्लाह ख़ान फ़र्हत ने अपने दुसरे साथी महरो सेन के साथ दबीरपुरा पुलिस स्टेशन में ही नमाज़ ज़ुहर अदा की।

बादअज़ां पुलिस ने उन्हें रिहा कर दिया। पिछ्ले दिन् मजीद उल्लाह ख़ान फ़र्हत को महिकमा पुलिस की तरफ् से नोटिस जारी करते हुए इस बात की हिदायत दी गई थी कि वो मक्का मस्जिद में नमाज़ की अदायगी के लिए ना जाएं लेकिन बादाज़ मुशावरत मजीद उल्लाह ख़ान फ़र्हत ने मक्का मस्जिद रवानगी का फ़ैसला किया और उन्हें रास्ते में ही गिरफ़्तार करलिया गया।

मजलिस बचाव‌ तहरीक के उम्मीदवार हलक़ा असेंबली याक़ूतपूरा की गिरफ़्तारी की इत्तेला के साथ ही चंचलगुडा में वाक़्ये तहरीक के दफ़्तर पर हज़ारों की तादाद में कारकुन जमा होगए।

रिहाई के बाद मजीद उल्लाह ख़ान फ़र्हत को जलूस की शक्ल में उन के चुनाव दफ़्तर लाया गया जहां उन्होंने कारकुनों से ख़िताब करते हुए मश्वरह दिया कि वो सब्र-ओ-तहम्मुल का मुज़ाहरा करें चूँकि मुख़ालिफ़ीन हालात को बिगाड़ते हुए माहौल को ख़राब करने साज़िशों में मसरूफ़ हैं।