फ़साद मुतास्सिरीन की बाज़ आबादकारी अहम: रहमान ख़ां

मुज़फ़्फ़रनगर जैसे फ़िर्कावाराना कशीदगी का शिकार इलाक़ों की सूरत-ए-हाल से निमटने के लिए एक सख़्त क़ानून की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए वज़ीर-ए-क़लीयती उमूर के. रहमान ख़ां ने आज कहा कि हुकूमत ने फ़सादात में मुतास्सिर अफ़राद की बाज़ आबादकारी पर ख़ुसूसी तवज्जे दी है इसके लिए तरजीही बुनियादों पर इक़दामात किए जा रहे हैं।

रहमान ख़ां ने आज यहां एक तक़रीब के मौक़े पर बताया कि मैंने वज़ीर-ए-आज़म के इलावा वज़ीर-ए-दाख़िला को मकतूब लिखा है और इस मुआमले पर में इन दोनों शख़्सियतों से रब्त रखे हुए हूँ। जब उनसे पूछा गया कि आया फ़सादात जैसी सूरत-ए-हाल से निमटने केलिए ख़ुसूसी क़ानून की ज़रूरत है उन्होंने कहा कि इस सिलसिला में वज़ीर-ए-आज़म और वज़ीर-ए-दाख़िला से नुमाइंदगी की जा चुकी है।

मुज़फ़्फ़रनगर फ़सादात से मुतास्सिरा अफ़राद की बाज़ आबादकारी वक़्त का तक़ाज़ा है। रहमान ख़ां ने कहा कि रियास्ती हुकूमत को इन उमूर पर तवज्जा दीनी चाहीए। उन्होंने कहा कि उनकी विज़ारत भी वज़ारत-ए-दाख़िला से मुसलसल रब्त रखे हुए है। मैं इस बहस में पड़ना नहीं चाहता कि फ़सादात से मुतास्सिरा अफ़राद आई ऐस आई से रब्त में हैं या नहीं। हमारी तवज्जे मुज़फ़्फ़र नगर में होने वाले फ़साद और इस के मुतास्सिरीन पर मर्कूज़ है। यहां पर ला ऐंड आर्डर को मज़बूत बनाने की ज़रूरत है। ये रियासती हुकूमत की ज़िम्मेदारी है। जहां तक मुल्क की सेक्रेटी का सवाल है हुकूमत और उस की मिशनरी इस सूरत-ए-हाल से निमटने की अहल हैं। ये पूछे जाने पर कि आया पटना धमाके इंडियन मुजाहिदीन की जानिब से इंतिक़ाम की कार्रवाई का हिस्सा थे जैसा कि मीडिया के बाअज़ गोशों ने शुबा ज़ाहिर किया है।

रहमान ख़ां ने कहा कि इस सिलसिले में क़ौमी तहक़ीक़ाती एजेंसी जांच पड़ताल कररही है। वो इस पर कोई तबसेरा करना नहीं चाहते क्योंकि ये तहक़ीक़ात जारी है। जो कुछ कार्रवाई करने की ज़रूरत होगी विज़ारत-ए-दाख़िला की जानिब से ये कार्रवाई की जाएगी। उत्तरप्रदेश में मुसलमानों को तहफ़्फुज़ात देने कांग्रेस के वाअदा पर रहमान ख़ां ने कहा कि उन की पार्टी ने अपना वाअदा फ़रामोश नहीं किया है। ये मुआमला सुप्रीम कोर्ट में ज़ेर दौरान है और इस मुआमला पर हम बराबर नज़र रखे हुए हैं।