मुल्क के कुछ हिस्सों में फ़िर्कापरस्ती के वाक़ियात में इज़ाफे पर तशवीश का इज़हार करते हुए सदर जम्हूरिया प्रणब मुखर्जी ने इस तरह की कशीदगी को इब्तिदाई मराहिल ही में ख़त्म करने के लिए मुक़ामी इन्तेज़ामिया की सलाहियतों में इज़ाफे की ज़रूरत पर ज़ोर दिया है।
सदर जम्हूरिया ने यहां सरदार वल्लभ भाई पटेल नेशनल पुलिस एकेडेमी में आई पी एस प्रोबेशनर्स की पासिंग आउट परेड से ख़िताब करते हुए कहा कि हमारी पुलिस फोर्सेस के लिए ये मुश्किल का वक़्त है। मुल्क के कुछ हिस्सों में फ़िर्कापरस्ताना तशद्दुद के वाक़ियात बढ़ने लगे हैं इस के अलावा बैन बिरादरी ताल्लुक़ात में भी बिगाड़ पैदा हुआ है।
उन्होंने कहा कि ज़रूरत इस बात की है कि इस तरह की कशीदगी को इब्तिदाई मराहिल ही में नोट करने के लिए हमारे ज़िला और मुक़ामी इंतेज़ामिया की सलाहियतों में इज़ाफ़ा किया जाये ताकि उन पर फ़ौरी तौर पर क़ाबू पाया जा सके।
सदर जम्हूरिया ने ये भी वाज़िह किया कि हिंदुस्तान को बैरून मुल्क से दहश्तगर्दी का निशाना बनाया जा रहा है इस के अलावा ख़ुद दाख़िली सलामती को भी अंदर से ख़तरात लाहक़ हैं। उन्होंने कहा कि जहां तक बाएं बाज़ू की तख़रीब कारी का सवाल है हुकूमत इस से जामि अंदाज़ में निमटने का अज़म रखती है।
हुकूमत इस मुआमले में दो नकाती फार्मूले पर अमल कर रही है। एक तरफ़ तो तख़रीब कारों(बिगाडने वाले) के ख़िलाफ़ कार्यवाहीयां की जा रही हैं जबकि दूसरी तरफ़ मुतास्सिरा इलाक़ों में तरक़्क़ियाती और हुक्मरानी के मसाइल पर तवज्जा करते हुए सूरते हाल को बेहतर बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मुल्क को दरपेश चैलेंजस से निमटना होगा। उन्होंने कहा कि हमारे मुल्क की पुलिस को अवाम के हक़ूक़-ए-इंसानी को समझना होगा और उनकी हर कार्रवाई दस्तूर हिंद की मुताबिक़त में होनी चाहीए।
ये वाज़िह करते हुए कि मुल्क के पहले वज़ीर दाख़िला ने काफ़ी तवक़्क़ुआत के साथ ऑल इंडिया सर्विसेस का आग़ाज़ किया था। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल चाहते थे कि सिविल सर्विसेस के ओहदेदार अपनी काम काज में और इंतेज़ामीया में इंतिहा दर्जा की गैर जांबदारी से काम लें और करप्शन से दूर रहीं।
सदर जमहूरीया ने आई पी एस परोबेशनरस से कहा कि वो सियासत में दिलचस्पी ना लें और ना ख़ुद को किसी तरह के फ़िर्कावाराना रोल में ढालें।
उन्होंने कहा कि अवाम के ज़हनों में हुक्मरानी के मीआर के ताल्लुक़ से जो ज़हन बनता है वो निचली सतह पर पुलिस अहलकारों के रद्द-ए-अमल और उन की कारकर्दगी की बुनियाद पर ही होता है।
पुलिस कांस्टेबल्स को हुकूमत के चेहरे क़रार देते हुए सदर जमहूरीया ने कहा कि उनकी ट्रेनिंग और उनकी ख़िदमात में बेहतरी के लिए मुनासिब तवज्जा दिए जाने की ज़रूरत है। उनकी सरविस के हालात को बेहतर बनाने की ज़रूरत है। इन में डिसीपिलिन जज़बा और अज़म को प्रवान चढ़ाने की ज़रूरत है।