एक पारलीमानी पैनल ने जारीया साल जनवरी में दार-उल-हकूमत दिल्ली के करीब अफ़्वाज की नक़ल-ओ-हरकत से मुताल्लिक़ रिपोर्ट को सख़्ती से मुस्तर्द कर दिया है । हुकूमत ने कहा था कि ये रिपोर्ट ग़लत है । पारलीमानी कमेटी की रिपोर्ट को आज लोक सभा में पेश किया गया ।
स्टैंडिंग कमेटी बराए दिफ़ा ने कहा कि उसे मतला किया गया है कि मोतमिद दिफ़ा और फ़ौज को इस तरह फ़ौज की मुंतक़ली या नक़ल-ओ-हरकत के लिए हुकूमत से इजाज़त लेने की ज़रूरत नहीं है । सतपाल महाराज की क़ियादत वाली इस कमेटी ने कहा कि जैसा कि सेक्रेटरी ने कहा कि ज़राए इब्लाग़ की रिपोर्ट ग़लत इत्तेलाआत ( सूचना) पर मबनी है इसलिए इसे सख़्ती से मुस्तर्द किया जाता है ।
कमेटी ने कहा कि ये मसला वज़ारत-ए-दिफ़ा के लिए 2012 – 13 की ग्रान्ट्स का जायज़ा लेने मुनाक़िद हुए इजलास के दौरान मौज़ू बहस आया था । ज़राए इब्लाग़ की एक रिपोर्ट में इद्दिआ किया गया था कि 16 – 17 जनवरी की रात फ़ौज की दो यूनिटों ने दिल्ली की सिम्त पेशक़दमी की थी ।