अंग्रेज़ी ज़बान को सीखने और इस पर उबूर (महारात) हासिल करने पर ज़ोर

अंग्रेज़ी बैन-उल-अक़वामी (अंतर राष्ट्रिय) ज़बान इस लिए है कि दुनिया के मुख़्तलिफ़ ममालिक (देशों) में अलग अलग ज़बान रहने के बावजूद ये आलमी सतह पर राबिता की ज़बान है।

इस इंटरनैशनल ज़बान की एहमीयत इस एतबार से भी ज़्यादा है कि दुनिया भर में कई शोबा जात बल्कि हर शोबा-ए-हियात का अंग्रेज़ी में मवाद मिलेगा। इस लिए कम्युनिकेशन स्क़ील, साफ़्ट स्क़ील के साथ रोज़गार के हुसूल के लिए अंग्रेज़ी ज़बान पर महारत और उबूर (महारात) निहायत कामयाबी का ज़ामिन होता है।

इन ख़्यालात का इज़हार यहां अहाता सियासत के महबूब हुसैन जिगर हाल में एक ख़ुसूसी सेमीनार को मुख़ातब करते हुए मिसिज़ जयंत लूईस ने किया और नौजवान नसल पर ज़ोर दिया कि वो अंग्रेज़ी ज़बान को बोलने समझने के साथ लिखने पढ़ने पर तवज्जा मर्कूज़ करें।

बर्तानिया में तालीम और रोज़गार के मवाक़े पर तफ़सीली लेकचर में उन्हों ने कहा कि इंग्लिश में इंगलैंड आज भी बादशाह है और अंग्रेज़ सिर्फ़ इंग्लिस्तान के बाशिंदों को कहते हैं।

मुमताज़ कॉरपोरेट ट्रेनी सय्यद हस्सान उद्दीन अनस ने जो गुज़िश्ता सात बरसों से इदारा सियासत में काल सेंटर प्रसनाल्टी डेवलपमेंट की हर इतवार को मुफ़्त ट्रेनिंग दे रहे हैं।

इबतदा-ए-में ख़ौर मक़दम किया और तलबा-ए-ओ- तालिबात (स्टुडेंट्स) से तबादला-ए-ख़्याल किया और कहा कि इस ट्रेनिंग से ताहाल बेशुमार नौजवान मुस्तफ़ीद होकर मुख़्तलिफ़ मल्टीनेशनल कंपनीयों में ख़िदमात अंजाम दे रहे हैं।

इस तरह कम्युनिकेशन स्क़ील साफ़्ट स्क़ील की ट्रेनिंग हासिल करके अपने मुस्तक़बिल को दरख़शां और ताबनाक बना सकते हैं।

इस मौक़ा पर तलबा-ए-ओ- तालिबात (स्टुडेंट्स) को अंग्रेज़ी ज़बान में इज़हार-ए-ख़्याल करने का इन्फ़िरादी तौर पर मौक़ा दिया गया और उन्हों ने इस का मुशाहिदा करते हुए ख़ूबीयों की सताइश की और ख़ामीयों को दूर करने का मश्वरा दिया।
एम ए हमीद कैरियर कौंसिलर ने मुआवनत की।