अंग्रेज़ी हफ़त रोज़ा सियासत की रस्म इजरा

हैदराबाद 16 अक्टूबर: हुकूमत तेलंगाना इदारा सियासत की मशकूर है चूँकि इदारा सियासत की तरफ से फ़लाही स्कीमात के मुताल्लिक़ जो शऊर बेदारी मुहिम चलाई जाती है वो नाक़ाबिल फ़रामोश है। हुकूमत की तरफ से 12 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात की फ़राहमी के लिए ना सिर्फ बी सी कमीशन की तशकील पर संजीदगी के साथ ग़ौर किया जाएगा।

अल्हाज मुहम्मद महमूद अली डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर तेलंगाना ने अंग्रेज़ी हफ़त रोज़ा सियासत की रस्म इजरा तक़रीब से ख़िताब करते हुए ये बात कही। उन्होंने बताया कि मुस्लमानों को तहफ़्फुज़ात की फ़राहमी यक़ीनी है और अंदरून 5 साल इस अमल को बहरसूरत मुकम्मिल कर लिया जाएगा।

ज़ाहिद अली ख़ां एडीटर रोज़नामा सियासत की ज़ेरे सदारत मुनाक़िदा अंग्रेज़ी हफ़त रोज़ा सियासत की रस्म इजरा तक़रीब में सय्यद अज़ीज़ पाशाह साबिक़ रुकने पार्लियामेंट, मुहम्मद फ़ारूक़ हुसैन रुकन क़ानूनसाज़ कौंसिल, ज़हीरुद्दीन अली ख़ां मैनेजिंग एडीटर रोज़नामा सियासत, आमिर अली ख़ां न्यूज़ एडीटर रोज़नामा सियासत के अलावा दुसरे मौजूद थे। मुहम्मद महमूद अली ने कहा कि हुकूमत तेलंगाना की तशकील हुए16 माह का अरसा गुज़रा है और उन 16 महीनों में काफ़ी तबदीली रोनुमा हुई है। तेलंगाना के मुस्लमानों में एतेमाद पैदा हुआ है जिसके नतीजे में फ़िर्कावाराना हम-आहंगी को फ़रोग़ हासिल हो रहा है।

उन्हों ने बताया कि चीफ़ मिनिस्टर तेलंगाना के चंद्रशेखर राव‌ एक मुस्लिम दोस्त क़ाइद हैं और वो हैदराबाद के अलावा मुस्लिम तहज़ीब से वाक़िफ़ हैं। इसी लिए वो रियासत तेलंगाना के मुस्लमानों की तरक़्क़ी के मुताल्लिक़ हमावक़त फिकरमंद रहते हैं।

मुहम्मद महमूद अली इदारा सियासत की कारकर्दगी की सताइश करते हुए कहा कि अख़बार सियासत हमेशा हक़गोई-ओ-बेबाकी का अक्कास रहा है। उन्होंने इदारा सियासत के ज़ेरे एहतेमाम शाय किए जानेवाले अंग्रेज़ी हफ़त रोज़ा को हर घर तक पहूँचाने की ज़रूरत पर-ज़ोर देते हुए कहा कि नौजवानों के मसाइल के हल और उनकी रहबरी के लिए एक ज़ेरे इंतेज़ाम अंग्रेज़ी अख़बार की अशद ज़रूरत महसूस की जा रही थी।

ज़ाहिद अली ख़ां एडीटर सियासत की तरफ से 12 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात की फ़राहमी के लिए बी सी कमीशन की तशकील के लिए नुमाइंदगी पर रद्द-ए-अमल ज़ाहिर करते हुए मुहम्मद महमूद अली ने 12% तहफ़्फुज़ात पर कहा कि चीफ़ मिनिस्टर के चन्द्रशेखर राव‌ साहिब इस मसले पर संजीदा हैं, अलबत्ता आम चुनाव में ये उमीद की जा रही थी के मर्कज़ में मख़लूत हुकूमत क़ायम होगी जिसके बाद हम इस में हिस्सेदार बनते हुए 9 वें शेडूल में तरमीम करवाकर मुस्लमानों को तहफ़्फुज़ात फ़राहम करने का इरादा रखते थे लेकिन अब जबकि मर्कज़ में बी जे पी की अक्सरीयती हुकूमत क़ायम हो गई है जिसकी वजह से 12% तहफ़्फुज़ात की फ़राहमी में वक़्त लग रहा है।

ज़ाहिद अली ख़ां एडीटर रोज़नामा सियासत ने अंग्रेज़ी हफ़त रोज़ा को अंग्रेज़ी सहाफ़त में आगे बढ़ने की त्तरफ पहला क़दम क़रार देते हुए कहा कि बहुत जल्द इदारा सियासत अंग्रेज़ी सहाफ़त में रोज़नामा के आग़ाज़ के लिए संजीदा है।

उन्हों ने बताया कि आबिद अली ख़ां मरहूम ने पुलिस एक्शण के बाद पैदा शूदा सूरत-ए-हाल को देखते हुए अख़बार सियासत की बुनियाद डाली और मुस्लमानों में ये एतेमाद पैदा किया कि उनका मुस्तक़बिल हिन्दुस्तान में पाकिस्तान से ज़्यादा बेहतर है। उन्होंने कहा कि अंग्रेज़ी अख़बार की ज़रूरत को 1980 के दहिय से महसूस किया जा रहा था और इस सिलसिले में सय्यद हामिद वाइस चांसलर अलीगढ़ यूनीवर्सिटी ने एक तहरीक भी शुरू की थी जिसका रद्द-ए-अमल आने के बावजूद वो अख़बार नहीं निकाला जा सका लेकिन अब सियासत ने अपने इंटरनेट के 24 लाख क़ारईन की तादाद और उनकी तरफ से अंग्रेज़ी वेबसाइट पर किए जानेवाले तबादला-ए-ख़्याल से हौसला हासिल करते हुए ये क़दम उठाया है जिसके बेहतर नताइज हासिल होने की उमीद है।

ज़ाहिद अली ख़ां ने तहरीक तेलंगाना के दौरान रोज़नामा सियासत के मौक़िफ़ का तज़किरा करते हुए सियासत ने तहरीक तेलंगाना की खुल कर ताईद की थी। उन्होंने बताया कि हैदराबाद की शिनाख़्त उमूमन चारमीनार, गंडीपेट का पानी या फिर बिरयानी बताई जाती है जबकि हक़ीक़त ये हैके हैदराबाद की शिनाख़्त दरअसल हैदराबादियों की शराफ़त है।

रोज़नामा सियासत सबसे पहला उर्दू अख़बार है जिस के ई पेपर का आग़ाज़ हुआ और साबिक़ वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने इस का इफ़्तेताह अंजाम दिया।

उन्होंने बताया कि उर्दू के हमदर्दों ने जो अख़बार शुरू किए वो वारिस ना होने के सबब बंद होते जा रहे हैं लेकिन रोज़नामा सियासत पर अल्लाह का ये फ़ज़ल-ओ-करम हैके बानी सियासत ने इस अख़बार की ज़िम्मेदारी मुझे तफ़वीज़ की और अब में ये ज़िम्मेदारी न्यूज़ एडीटर सियासत आमिर अली ख़ां के हवाला किए हुए हूँ और तवक़्क़ो हैके आमिर अली ख़ां के फ़र्ज़ंद भी इस मैदान में अपनी सलाहीयत का मुज़ाहरा करेंगे।