आतंकवादियों को फंडिंग करने वाले पाकिस्तान को बड़ा झटका देते हुए फाइनेंसियल टास्क फोर्स ने उसे लिस्ट में बरकार रखा है। पाकिस्तान FATF को जैश, जमात उद दावा और हक्कानी जैसे आतंकी संगठनों को आर्थिक मदद नहीं करने के पर्याप्त सबूत नहीं दे सकी।
FATF ने पाकिस्तान को रिस्क सुपरविजन को मजबूत करने को कहा साथ ही टेरर फंडिंग रोकने के संदर्भ में पर्याप्त सबूत देने को कहा है।
पाकिस्तान की ओर से 15 महीनों का एक ऐक्शन प्लान रखा गया और बताया गया कि उसके यहां मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादिकयों का धन का रास्ता बंद करने के क्या उपाय किए गए हैं।
एफएटीए ने इसके एक दिन बाद अपने निर्णय की घोषणा की। हालांकि, ग्रे लिस्ट में जाने से भी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है। इससे बहुराष्ट्रीय कंपनियों के निवेश पर भी विपरीत असर पड़ता है।
इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, पाकिस्तान की ओर से 15 महीनों का एक ऐक्शन प्लान रखा गया और बताया गया कि उसके यहां मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादिकयों का धन का रास्ता बंद करने के क्या उपाय किए गए हैं। एफएटीए ने इसके एक दिन बाद अपने निर्णय की घोषणा की।
हालांकि, ग्रे लिस्ट में जाने से भी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है। इससे बहुराष्ट्रीय कंपनियों के निवेश पर भी विपरीत असर पड़ता है।