आंध् प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस नागर जना रेड्डी ने सय्यद तक़ी उद्दीन की तरफ से अक़लियती डिपार्टमेंट और स्पेशल ऑफीसर हज कमेटी के ख़िलाफ़ दायर करदा रिट नंबरी 32560/13 का फ़ैसला देते हुए हुकूमत आंध् प्रदेश की तरफ से नामज़द करदा हज कमेटी के स्पेशल ऑफीसर के अहकामात को कुलअदम कर दिया दरख़ास्त गुज़ार ने अपनी दरख़ास्त में ये इद्दिआ किया था कि हज कमेटी की मीयाद 14 अगस्त 2013 को ख़त्म होचुकी थी और इख़तेताम मुद्दत से अंदरून चार माह हुकूमत पर लाज़िम हैके वो तहत दफ़ा 22(1) हज कमेटी एक्ट नई कमेटी का एलान करे।
इस के बजाये स्पेशल ऑफीसर का तक़र्रुर गै़रक़ानूनी है। हुकूमत आंध् प्रदेश ने अपने जवाब में लिखा कि 19 दिसमबर 2012 को माइनॉरिटीज़ वेलफेयर डिपार्टमेंट ने हुकूमत आंध् प्रदेश को इत्तेला देदी हैके नई कमेटी की तशकील के लिए नामों का इंतिख़ाब करे और ये फाईल मुताल्लिक़ा ओहदेदार के पास ज़ेर तसफ़ीया है और इस सिलसिले में आजलाना इक़दामात किए जा रहे हैं।
मुअज़्ज़िज़ जज ने मुताल्लिक़ा फ़रीकेन की बेहस की समाअत के बाद सख़्ती के साथ हिदायत दी कि अंदरून एक माह नई हज कमेटी का एलान करे। दरख़ास्त गुज़ार की तरफ से मुहम्मद अदनान शहीद-ओ-मुहम्मद उसमान शहीद एडवोकेट ने पैरवी की।