आस्था और अंधविश्वास में इंसान किस कदर अंधा हो जाता है कि उसे अपनी जान की भी कोई परवाह नहीं रह जाती है। अंधविश्वास के खातिर इंसान अपनी ही बलि चढ़ाने से परहेज नहीं रहता। एक ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला सामने आया है बाराबंकी से, जहां एक शख्स ने खुद की बलि चढ़ा दी।
यह मामला जिले के सिरौली गौसपुर तहसील के दरियाबाद थाना क्षेत्र के उंटवा पोस्टर खुजरी गांव का है। रविवार देर रात को गांव के एक युवक ने अपना सिर काटकर देवी मां के चरणों में अपनी बलि चढ़ा दी। युवक अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था।
यह घटना पूरे क्षेत्र में आग की लपटों की तरह फैल गई. जब लोगों को पता चला कि गांव के भुहारे बाबा देवस्थान परिसर में बने दुर्गा माता मंदिर में युवक ने अपनी बलि दे दी तो वहां हजारों लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई।
सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासन भी मौके पर पहुंचा। पुलिस ने बताया कि यह घटना रविवार रात करीब दो बजे की है जब उसने खुद की बलि चढ़ा दी।
गांव के लोगों का कहना है कि पिछले कुछ सालों से वह पूरी तरह से पूजा पाठ में तल्लीन हो गया था। बलि चढ़ने की सूचना जैसे ही पुलिस को मिली वह मौके पर पहुंची। लेकिन, पुलिस की टीम को ग्रामीणों ने शव का पोस्टमार्टम करने के लिए उठाने से मना कर दिया।
ग्रामीणों द्वारा शव उठाए जाने की खबर मिलने पर उप जिलाधिकारी और अपर पुलिस अधीक्षक और क्षेत्राधिकारी मौके पर पहुंचे। परिजनों और ग्रामीणों की गुजारिश पर प्रशासन ने बिना पोस्टमार्टम कराए अंतिम संस्कार की इजाजत दे दी।
लोगों ने बताया कि मृतक अनिरुद्ध ने लगभग एक साल से अन्न त्याग कर रखा था। मृतक कई बार भंडारे और कीर्तन-भजन कार्यक्रम का भी आयोजन कर चुका था। ग्रामीणों के अनुसार वह खुद को दुर्गा मां का अनन्य भक्त मानता था।
इसी वजह से वह अपना पूरा समय पूजा-पाठ में लगाया करता था। शायद, यही वजह थी कि उसने अपने आप को देवी मां के चरणों में समर्पित करने की ठानकर रात करीब दो बजे अपना सिर धारदार हथियार से काटकर बलि चढ़ा दी।
इस मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक वीपी श्रीवास्तव का कहना है कि युवक ने स्वयं बलि दी है। देवी मंदिर में युवक की लाश के पास से बांका मिला है।
पूरे मंदिर में खून ही खून फैला हुआ था। पूछताछ में पता चला कि काफी दिन से युवक अलग तरह का व्यवहार कर रहा था। आस्था और अंधविश्वास में खोया हुआ था, जिसके चलते रात में युवक ने मंदिर में बलि चढ़ा दी।
साभार- ‘ज़ी नयूज़’