‘अंधों में काना राजा’ पर रघुराम राजन ने दी सफाई

दिल्ली : रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति दुनिया में ‘अंधों में काना राजा’ जैसी राय पर सफाई दी है. रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर रघुराम राजन ने ‘अँधों में काना राजा’ मुहावरे वाले अपने बयान पर सफाई देते हुये कहा कि उनका मतलब बस इस ओर इशारा करना था कि भारत के सबसे तेज रफ्फतार बढ़ने का एक वजह यह भी है कि दिगर मुल्क मंदी की दौर से गुजर रहे हैं. राजन ने यहाँ एनआईबीएम के दीक्षांत समारोह में कहा कि एक विदेशी पत्रकार को दिये गये उनके इन्टरव्यू से इस मुहावरे को खबरों के भूखे मुल्क में मुकामी अखबारों ने हेडलाइन बना लिया. 

हालाँकि, मीडिया ने उनके बयान का संदर्भ भी बताया, लेकिन हेडिंग से आगे काफी कम लोगों ने पढ़ा. और इसलिए, इन्टरव्यू मुतनाजा हो गया और यह मतलब निकाला गया कि मैं और हासिल करने पर जोर देने की बजाय मुल्क की कामयाबी को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहा हूँ.
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन से जुड़े लोगों के हर शब्द या मुहावरे का मतलब के लिए निचोड़ा जाता है. उन्होंने कहा, अगर हम एक पॉजीटीव बातचीत करते हैं, हरेक को शब्दों को संदर्भ के साथ पढ़ना होता है. मैं उन नजरिये के लोगों से माफी चाहता हूँ, जिन्हें मेरे बयान से तकलीफ हुई.

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि इन्टरव्यू के दौरान आलमी इकॉनोमी में चमकता सितारा होने के अहसास के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने ‘अँधों में काना राजा’ का इस्तेमाल किया था.

उनका मकसद यह दिखाना था कि आलमी का इकॉनोमी डेव्लपमेंट कमजोर है, लेकिन भारत और तेज डेव्लपमेंट के लिए अभी भी भूखा है. उन्होंने कहा, मैंने आगे यह समझाने की कोशिश की कि हमने अभी अपनी पूरी कुवत का इस्तेमाल नहीं किया है. हम तरक्की में उल्लेखनीय तेजी के मुहाने पर हैं और यह जेरे गौर सुधारों को लागू करने से मुमकीन हो सकता है.