हैदराबाद 08 सितम्बर: चंद्रायंगुट्टा हमला केस की समाअत जारी रही और अकबरुद्दीन ओवैसी ने दूसरे दिन भी अपना बयान कलमबंद करवाया।
रुकने असेंबली ने सातवें एडिशनल मेट्रोपोलिटन सेशन जज के मीटिंग पर दिए गए बयान में ये बताया कि हमले के दिन वो अपना पिस्तौल इस्तेमाल नहीं करसके। रिवाल्वर को एक हाथ से भी काक किया जा सकता है जबकि पिस्तौल को काक करने के लिए दोनों हाथों का इस्तेमाल ज़रूरी है। हमले के दौरान उनकी रेबान ऐनक , मोबाईल फ़ोन कौर , पिस्तौल का पाऊच मुक़ाम वारदात पर गिर गया था। उन्होंने बताया कि वो तमाम मुल्ज़िमीन की इस लिए शिनाख़्त कर सकते हैं क्युं कि उनका ताल्लुक़ मुताल्लिक़ा असेंबली हलक़ा से है और तमाम मुल्ज़िमीन आपस में रिश्तेदार हैं।
अकबर ओवैसी ने अदालत में दिए गए बयान में ये बताया कि 2009 चुनाव में मुहम्मद पहलवान ने मजलिस बचाओ तहरीक पार्टी की ताईद की थी और उनसे दुश्मनी करने लगे और जान से मारने की धमकी दी। रुकने असेंबली ने बताया कि उनके असेंबली हलक़ा से ताल्लुक़ रखने वाली अवाम ने एक याददाश्त पेश की थी जिसमें ये बताया कि मुहम्मद पहलवान और मुनव्वर इक़बाल सरकारी आराज़ीयात पर नाजायज़ क़बज़ा कर रहे हैं।
उन्होंने मुनव्वर इक़बाल की अदालत में शिनाख़्त की और बताया कि अवाम की तरफ से पेश की गई याददाश्त की बुनियाद पर उन्होंने महिकमा माल और म्युन्सिपल कारपोरेशन से नुमाइंदगी करते हुए इस सिलसिले में बेहतर इक़दाम करने की दरख़ास्त की थी।
उन्होंने बताया कि गाड़ी रोकने के बाद यूनुस याफ़ई ने उनसे बेहस-ओ-तकरार शुरू कर दी और जान से मारने की धमकी दी। इस मौके पर मुताल्लिक़ा रेवेन्यू इंस्पेक्टर और दुसरे पार्टी कारकुन वहां मौजूद थे। रुकने असेंबली ने जज को बताया कि मुल्ज़िमीन की तरफ से गै़रक़ानूनी सरगर्मीयों में रुकावट पैदा करने के नतीजे में उन्हें निशाना बनाया गया और उन्हें जान से मारने की कोशिश की और अपने मंसूबे के तहत 30 अप्रैल 2011 को मुल्ज़िमीन ने उन पर बंदूक़ , चाक़ू से हमला किया जिसके नतीजे में वो ज़ख़मी हो गए।
अकबर ओवैसी ने बताया कि हमले के बाद उन्हें ओवैसी हॉस्पिटल मुंतक़िल किया गया और उन्हें केर हॉस्पिटल ले जाया गया और इसी दौरान वो बेहोश हो गए थे।
उन्हें केर हॉस्पिटल में 20 दिन के लिए शरीक किया गया और वहां से डिस्चार्ज होने के बाद जुलाई 2011 में ग्लोबल हॉस्पिटल में उनके पेट की दो मर्तबा सर्जरी की गई।
अकबर ओवैसी की तरफ से दूसरे दिन अपना बयान कलमबंद किए जाने के बाद समाअत कल तक के लिए मुल्तवी कर दी गई और वकील दिफ़ा का जरह होगा। रुकने असेंबली की अदालत में हाज़िरी के पेश-ए-नज़र पुलिस ने सेक्यूरिटी के वसी तरीन इंतेज़ामात किए थे और मुहम्मद बिन उम्र याफ़ई मुहम्मद पहलवान और दुसरे रिश्तेदारों को सख़्त सेक्यूरिटी के बीच अदालत में लाया गया था।