हैदराबाद 07 अप्रैल: रुकने असेंबली चंदरायनगुट्टा अकबरुद्दीन ओवैसी हमला केस के दो एनी शाहिदीन, पुलिस को दिए गए अपने बयान से मुकर गए। अदालत ने मुहम्मद ग़ौस और मुहसिन बिन अहमद अलकसीरी को मुनहरिफ़ गवाह क़रार देते हुए स्पेशल पब्लिक प्रासीक्यूटर ओमा महेश्वर राव को मुनहरिफ़ गवाहों पर जरह करने की इजाज़त दी।
गवाह इस्तिग़ासा नंबर 9 मुहम्मद ग़ौस ने जो मर्हबा होटल, बारकस के मालिक है, रोज़ाना की असास पर चलाए जा रहे मुक़द्दमा की समाअत के दौरान अदालत में ये बयान देते हुए इस बात से लाइलमी का इज़हार किया कि 30 अप्रैल 2011को उन्होंने अकबरुद्दीन अओवैसी या कोई भी मजलिस पार्टी के क़ाइदीन पर हुस्न बिन उम्र याफ़ई, अबदुल्लाह बिन यूनुस याफ़ई, ऊद बिन यूनुस याफ़ई, मुहम्मद बिन सलह वाहलान और इबराहीम बिन यूनुस याफ़ई की तरफ से ख़ंजर और रीवोलवर से हमला किया था। मुहम्मद ग़ौस ने अपने बयान में ये वाज़िह तौर पर बताया कि 30 अप्रैल साल 2011 को उनकी होटल के रूबरू एक वाक़िया पेश आया लेकिन इस वाक़िये की उन्हें इत्तेला नहीं है क्युं कि वो होटल के अंदर थे। गवाह ने अदालत को ये बताया कि उसने पुलिस को कोई बयान नहीं दिया है और ना ही उसने ये कहा कि मुहसिन बिन अहमद लकसीरी और अहमद बिन अबदुल्लाह बलाला ने अकबरुद्दीन ओवैसी को बचाया है। गवाह ने इस बात की भी तरदीद की है कि बलाला के गनमैन ने अकबरुद्दीन ओवैसी के हमला आवरों पर फायरिंग की थी और अकबरुद्दीन इस हमले में शदीद ज़ख़मी हुए थे।
मुहम्मद ग़ौस ने अदालत में स्पेशल पब्लिक प्रासीक्यूटर की तरफ से किए गए जरह के दौरान ये बताया कि हमले के दिन वो होटल मर्हबा को बंद करने के लिए शटर डाल रहे थे कि घुटने पर गोली लगी जिसके सबब वो बेहोश हो गए और बादअज़ां उनका दवाख़ाना उस्मानिया में ईलाज करवाया गया।
गवाह ने इस बात से भी इनकार कर दिया कि अकबर ओवैसी हमला केस के 9 मुल्ज़िमीन की चंदरायनगुट्टा पुलिस स्टेशन में रूडी शीट है और वो उनके ख़ौफ़ से झूटा बयान दे रहे हैं। इस्तिग़ासा ने मुहम्मद पहलवान के ख़िलाफ़ मुहम्मद ग़ौस को एनी शाहिद बनाते हुए हमले की मंज़र कुशी करने और गवाही के लिए सी आर पी सी की दफ़ा 161 के तहत बयान कलमबंद किया था लेकिन गवाह ने अपने बयान से मुकम्मिल तौर पर लाताल्लुक़ी का इज़हार किया है।