हैदराबाद 29 मार्च:रुकने असेंबली चंदरायनगुट्टा हमला केस की समाअत के दुबारा आग़ाज़ के मौके पर अकबरुद्दीन ओवैसी सातवें एडिशनल मेट्रोपोलिटन सेशन जज के मीटिंग पर पेश हुए लेकिन उन्होंने अपना बयान कलमबंद नहीं करवाया। स्पेशल पब्लिक प्रासीक्यूटर ओमा महेशो राव ने अदालत में अकबर ओवैसी की हाज़िरी के फ़ौरी बाद एक दरख़ास्त दाख़िल की जिसमें ये बताया कि अकबरुद्दीन ओवैसी रुकने असेंबली हैं और असेंबली सेशन जारी रहने के सबब वो अपना बयान कलमबंद करवाने से क़ासिर हैं चुनांचे उन्हें मज़ीद मोहलत दी जाये। जिस पर जज ने नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा कि पिछ्ले समाअत के दौरान उनकी दरख़ास्त क़बूल की गई थी और रुकने असेंबली को अपने बयान कलमबंद करवाने की इजाज़त दी गई थी।जज ने कहा कि गवाह को तर्जीह देकर उन्हें अपना बयान कलमबंद करवाने का मौक़ा दिया गया था लेकिन उनकी तरफ से अचानक अपने मौक़िफ़ में तबदीली पर जज ने हैरत का इज़हार किया।
वाज़िह रहे कि स्पेशल पब्लिक प्रासीक्यूटर ने अपनी दरख़ास्त में ये बताया था कि इस केस के गवाह नंबर 32 जो मुतास्सिरा शख़्स भी हैं, लंदन सर्जरी के लिए रवाना होने वाले हैं और उनका बयान कलमबंद किया जाएगा। वकलाए दिफ़ा की तरफ से इस दरख़ास्त की मुख़ालिफ़त की गई थी और जज ने भी पब्लिक प्रासीक्यूटर की दरख़ास्त पर एतराज़ किया था।
रोज़ाना की असास पर केस की समाअत के फ़ैसले के पेशे नज़र जज ने केस की आइन्दा समाअत कल तक के लिए मुल्तवी करते हुए इस केस के मज़ीद गवाहों के बयानात को कलमबंद करवाने का हुक्म दिया। समाअत के मौके पर पुलिस एस्कार्ट ने मुहम्मद बिन उम्र याफ़ई उल-मारूफ़ मुहम्मद पहलवान और दुसरे अफ़राद को अदालत में पेश किया।