अकबर ओवैसी के ख़िलाफ़ नाक़ाबिल ज़मानत वारंट

हैदराबाद 03 मई: नफरत भरने वले तक़रीर मुआमले में नामपली क्रीमिनल कोर्ट के 7 वीं एडीशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने रुकन असेम्बली चंदरायन गुट्टा अकबर ओवैसी के ख़िलाफ़ गैर ज़मानती वारंट जारी करके उन्हें गिरफ़्तार करके 9 मई को अदालत में पेश करने की हिदायत दी।

एडवोकेट के इस करूणा सागर ने 28 दिसम्बर 2012 को नामपली क्रीमिनल कोर्ट में शिकायत दर्ज करवाई थी जिस में इल्ज़ाम लागया गया था कि अकबर ओवैसी ने निर्मल में नफरत अंगेज़ तक़रीर की और मख़सूस मज़हब के जज़बात को ठेस पहोचया।

उन्होंने अदालत से दरख़ास्त की थी कि रुकन असेम्बली के ख़िलाफ़ ताज़ीरात ए हिंद के दफ़आत 295/A, 153/A और 298 के तहत कार्रवाई की जाये।

अदालत ने एडवोकेट को ये हुक्म दिया था कि वो 295/A दफ़ा में मुक़द्दमा चलाने हुकूमत से इजाज़त तलब करे। करूणा सागर ने हुकूमत से जनवरी में दरख़ास्त दाख़िल की थी लेकिन 15 अप्रैल को तीन माह मुकम्मल होने के बावजूद भी हुकूमत की तरफ से जवाब ना मिलने पर एडवोकेट ने दुबारा अदालत से रुजू होकर कहा कि सुप्रीम कोर्ट अहकामात के मुताबिक़ हुकूमत की तरफ से अंदरून तीन माह दरख़ास्त पर फैसला ना करने पर इस सिलसिले में बगैर इजाज़त के मुक़द्दमा की कार्रवाई चलाई जा सकती है।

अदालत ने 22 अप्रैल को एडवोकेट का बयान कलमबंद किया और रुकन असेम्बली के ख़िलाफ़ शिकायत की समाअत के लिए तस्लीम किया जिस का नंबर CC.314/2013 है और गैर ज़मानती वारंट जारी करके मादनापेट पुलिस को हुक्म दिया कि अंदरून 9 मई गैर ज़मानती वारंट की तामील में अकबर ओवैसी को गिरफ़्तार करके अदालत में पेश करे।

नाक़ाबिल ज़मानती वारंट को रोकने के लिए रुकन असेम्बली के वकील एम ए अज़ीम ने एडवोकेट दरख़ास्त दाख़िल करके वारंट को फ़ौरी रध करने की अपील की है।

मजिस्ट्रेट ने इस दरख़ास्त की समाअत को कल तक के लिए मुल्तवी करदिया। जबके इस केस की कार्रवाई को 9 मई तक मुल्तवी करदिया गया है।