हैदराबाद 22 अप्रैल:रुकने असेंबली चंदरायनगुट्टा अकबरुद्दीन ओवैसी हमला केस की समाअत जारी रही जिसके दौरान मजलिसी रुकने असेंबली अहमद बिन अबदुल्लाह बलाला पर वकील दिफ़ा ने जरह क्या।
अहमद बलाला से वकील दिफ़ा एडवोकेट अचोता रेड्डी ने ये सवाल किया कि 30 अप्रैल 2011 को अकबर ओवैसी पर हमले के दौरान उनके गनमैन जानी मियां ने इबराहीम बिन यूनुस याफ़ई पर कितने राउंड फायरिंग की। रुकने असेंबली ने अपने जवाब में बताया कि उनके गनमैन ने दो राउंड फायरिंग की थी जबकि साबिक़ में जानी मियां गनमैन ने अदालत को दिए गए अपने बयान में ये एतराफ़ किया था कि इस ने नौजवान पर तीन राउंड फायरिंग की थी।
जरह के दौरान बलाला से ये भी सवाल किया गया कि हमला केस की समाअत के दौरान वो कितनी मर्तबा अदालत में मौजूद रहे। रुकने असेंबली ने बताया कि अब तक तीन मर्तबा उन्होंने अदालत में हाज़िरी दी है। केर हॉस्पिटल में ज़ेर-ए-इलाज अकबरुद्दीन ओवैसी का कोन शख़्सी मददगार था। बलाला ने बताया कि ज़ख़मी रुकने असेंबली के अरकाने ख़ानदान दवाख़ाने में साथ थे।
जरह के दौरान एडवोकेट अचोता रेड्डी ने अहमद बलाला से ये सवाल किया कि अकबर ओवैसी से उन्होंने कितने सालों से क़ुरबत इख़तियार की है। बलाला ने बताया कि 2009 चुनाव के बाद वो अकबर ओवैसी से क़रीब हो गए और उन्हें इस बात का इलम नहीं है कि कोन अकबर ओवैसी के क़रीबी दोस्त हैं। केस की समाअत के मौके पर मुहम्मद बिन उम्र याफ़ई अल-मारूफ़ मुहम्मद पहलवान और उनके दुसरे अरकाने ख़ानदान को सख़्त सेक्यूरिटी के बीच नामपल्ली क्रीमिनल कोर्ट के सातवें एडिशनल मेट्रोपोलीटेन के मीटिंग पर पेश किया गया है और केस की समाअत आज तक के लिए मुल्तवी कर दी गई है।