आन्ध्र प्रदेश हाइकोर्ट ने आज चंद्रायन गुट्टा रुकन असैंबली अकबर उद्दीन ओवैसी हमला केस में माख़ूज़ तीन अफ़राद की ज़मानत मंसूख़ करते हुए उन्हें फ़िलफ़ौर मुताल्लिक़ा अदालत में ख़ुदसपुर्दगी अख्तियार करने की हिदायत दी । वाहिद बेंच के जस्टिस के सी भानू ने आज अपना फ़ैसला सुनाते हुए मुहम्मद बिन उम्र याफ़ई उल-मारूफ़ मुहम्मद पहलवान , यूनुस बिन उम्र याफ़ई (मुहम्मद पहलवान के बड़े भाई) और बहादुर अली ख़ान उर्फ़ मुनव्वर इक़बाल की ज़मानत मंसूख़ की जबकि इस केस में माख़ूज़ दीगर 6 अफ़राद हुस्न बिन उम्र याफ़ई उर्फ़ हसन पहलवान , ईसा बिन यूनुस याफ़ई, यहया बिन यूनुस याफ़ई, फ़ैसल बिन अहमद याफ़ई, फ़ज़ल बिन अहमद याफ़ई, ऊद बिन यूनुस याफ़ई की ज़मानत मंज़ूर की है ।
वाज़िह रहे कि हाइकोर्ट ने कल सरकारी वकील और वकील दिफ़ा के मुबाहिस के बाद अपना फ़ैसला आज के लिए महफ़ूज़ कर दिया था । मुअज़्ज़िज़ जज ने अपने अहकाम में ये कहा कि हमला केस में माख़ूज़ तीन अफ़राद के ख़िलाफ़ बादियुन्नज़र में इल्ज़ामात दिखाई देते हैं और इसी बुनियाद पर ज़मानत मंसूख़ की गई है । आज हाईकोर्ट के फ़ैसले के बावजूद इस केस में माख़ूज़ अफ़राद को तहरीरी अहकामात हासिल नहीं हुए हैं और अहकामात हासिल होने के बाद ही ख़ुद सुपुर्दगी अख्तियार की जा सकती है ।
अकबर उद्दीन ओवैसी हमला केस में माख़ूज़ 9 अफ़राद की ज़मानत मंसूख़ करने के लिए रियास्ती हुकूमत सुप्रीम कोर्ट से रुजू हुई थी और इस सिलसिले में जस्टिस बी ऐस चौहान और जस्टिस जे ऐस ख़ैर ने 16 मार्च को रियास्ती हुकूमत की दरख्वास्त आन्ध्र प्रदेश हाईकोर्ट को लौटाते हुए माख़ूज़ अफ़राद को अंदरून चार हफ़्ते दुबारा ज़मानत हासिल करने की हिदायत दी थी जिस पर कल जस्टिस के सी भानू की बेंच पर इस केस की समाअत हुई थी । गुज़श्ता साल 30 अप्रैल को इलाक़ा चंद्रायन गुट्टा बारकस में अकबर उद्दीन ओवैसी पर हुए हमला में सी सी ऐस पुलिस ने 14 अफ़राद को गिरफ़्तार किया था और बादअज़ां नामपली कोर्ट में दाख़िल कर्दा चार्ज शीट में मुहम्मद पहलवान पर ये इल्ज़ाम आइद किया कि उन्हों ने ही रुकन असैंबली पर हमले की साज़िश रची थी ।