हैदराबाद 28 अप्रैल: चंदरायनगुट्टा रुकने असेंबली हमला केस की रोज़ाना की असास पर समाअत जारी है और गवाहों के बयानात कलमबंद करते हुए उन पर जरह भी की जा रही है। उप्पूगुड़ा के साबिक़ कारपोरेटर समद बिन अबदाद पर वकील दिफ़ा राज वर्धन रेड्डी ने जरह की। उनसे कई सवालात किए गए। वकील दिफ़ा ने साबिक़ कारपोरेटर से ये सवाल किया कि 30 अप्रैल साल 2011 को अकबरुद्दीन ओवैसी पर हुआ हमला कितनी देर तक जारी रहा।
समद बिन अबदाद ने बताया कि उन्होंने उस वक़्त घड़ी नहीं देखी लेकिन उन्हें ये अंदाज़ा है की हमला चंद मिनट तक जारी रहा। उनसे ये पूछा गया कि हमले के दिन मुक़ाम वारदात पर कितने पुलिस ओहदेदार मौजूद थे। उन्होंने बताया कि हमले के दौरान वहां पर सिर्फ चार ता पाँच पुलिस मुलाज़िमीन एक सब इंस्पेक्टर उनकी गाड़ी के साथ मौजूद थे। साबिक़ कारपोरेटर से ये भी सवाल किया गया कि हमले से पहले इस इलाके में वो कितनी मर्तबा वहां गए थे।
इस के जवाब में बताया कि वो हमले से पहले तीन मर्तबा इस इलाके में गए थे। हमले की वारदात के दौरान किया मुक़ाम वारदात पर मुक़ामी अवाम मौजूद थे, जिसके जवाब में समद बिन अबदाद ने बताया कि मुक़ामी अवाम मौजूद नहीं थे बल्के एमआईएम के कारकुन मौजूद थे। हमले के मुक़ाम के अतराफ़ दुक्कानात और मकानात मौजूद हैं, क्या उस वक़्त दुकानें खुली थीं। साबिक़ कारपोरेटर ने बताया कि हमले के वक़्त दुकानें खुली नहीं थीं। क्या इस इलाके में मौजूद मकीनों की शिनाख़्त कर सकते हैं। उप्पूगुड़ा के साबिक़ कारपोरेटर ने कहा कि वो मकीनों की शिनाख़्त नहीं कर सकते। वकील दिफ़ा राज वर्धन रेड्डी ने अपनी जरह में ये सवाल किया कि वो अदालत को झूटा बयान दे रहे हैं और वो हमले के दिन मुक़ाम वारदात पर मौजूद नहीं थे और महिज़ अकबरुद्दीन ओवैसी और पुलिस को इस केस में मदद करने के लिए वो अदालत में बयान दे रहे हैं? इस के जवाब में साबिक़ कारपोरेटर ने बताया कि वो अदालत में हक़ायक़ पर मबनी बयान दे रहे हैं।
सातवीं एडिशनल मेट्रोपोलिटन सेशन जज के मीटिंग पर रोज़ाना की असास पर जारी समाअत के दौरान मुहम्मद बिन उम्र याफ़ई और उनके दुसरे अफ़रादे ख़ानदान को जेल से अदालत में लाया गया था और समाअत के बाद दुबारा जेल मुंतक़िल कर गया।